बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्टूबर में 4.7 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से सीमेंट, इस्पात और रिफाइनरी क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से वृद्धि दर कम हुई है।
विदेशों से आने वाले सस्ते स्टील उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया है ताकि घरेलू स्टील उद्योग को फायदा हो सके
देश के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन अगस्त में 4.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसके पिछले महीने में इन आठ उद्योगों का उत्पादन 2.6 फीसदी बढ़ा था।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी मूडीज के एक सर्वे में यह परिणाम सामने आया है।
देश में चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में कच्चे स्टील का उत्पादन 1.64 करोड़ टन रहा। यह पिछले वर्ष के इसी अवधि के मुकाबले 4.5 प्रतिशत अधिक है।
चीन को भारत से निर्यात इस साल के पहले चार महीने में 20 प्रतिशत बढ़कर 5.57 अरब डॉलर हो गया। कई साल की गिरावट के बाद इस निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अंतर्गत सिर्फ दो लाख रुपए में इस्पात का घर बनाया जा सकता है।
भारत का तैयार स्टील का आयात वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 36 प्रतिशत घटकर 74 लाख टन रहा। वहीं निर्यात 102 प्रतिशत उछलकर 82 लाख टन पर पहुंच गया।
भारत घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों से आयातित हॉट एंड कोल्ड रोल्ड स्टील उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है।
इस्पात की मांग बढ़ाने तथा सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिये सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में घरेलू इस्पात के उपयोग को अनिवार्य किया जा सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है।
रियल एस्टेट डेवलेपर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई का कहना है कि स्टील और अन्य सामान्य धातुओं की कीमतों में वृद्धि होने से घरों की कीमत बढ़ सकती है।
फरवरी 2017 में स्टील एक्सपोर्ट में 150 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इस दौरान स्टील का इपोर्ट 46 फीसदी घटा है।
स्टील सेक्टर की प्रमुख कंपनी एस्सार स्टील ने देश में तेजी से बढ़ते डिफेंस मैन्युफैक्चिंग सेक्टर का लाभ उठाने की तैयारी कर ली है।
बुनियादी ढांचा की वृद्धि जनवरी में 3.4% रही जो पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट से वृद्धि दर घटी है।
देश के कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर दिसंबर में बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गई। रिफाइनरी उत्पादों तथा इस्पात क्षेत्र की मजबूत वृद्धि से उद्योगों का उत्पादन बढ़ा है।
भारत के 100 अरब डॉलर वाले स्टील उद्योग के लिए अगस्त का महीना सुधार वाला रहा। इस दौरान उसके आयात में कमी आई जबकि निर्यात और खपत में वृद्धि देखी गई।
भारत में स्टील की खपत जुलाई में लगातार दूसरे महीने घटी और जून के मुकाबले यह सात फीसदी से अधिक घटकर 63 लाख टन रही।
केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि देश में दुनिया का सबसे बेहतरीन गुणवत्ता का स्टील तैयार करने के लिए इस्पात मंत्रालय द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है।
देश में बुनियादी ढांचा पर खर्च बढ़ रहा है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) 205 परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।
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