उत्तर प्रदेश में अब कंप्रेस्ड बायोगैस यानी CBG प्लांट शुरू हो गया है। आज बदायूं में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्लांट का उद्घाटन किया है। इस प्लांट में किसानों के खेतों से निकलने वाली पराली और पशुओं के गोबर से बायोगैस और जैविक खाद बनेगा।
पंजाब में किसान पराली ना जलाएं इसको लेकर सरकार और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन उसके बावजूद भी सोमवार को पराली जलाने के 634 मामले सामने आए। पंजाब पुलिस ने 8 नवंबर से अबतक एक हजार से ज्यादा प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इस बीच वायु प्रदूषण को देखते हुए पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था। बावजूद पंजाब में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच पंजाब सरकार एक्शन मोड में आ गई है।
पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी नहीं आ रही है। यहां एक दिन में पराली जलाने के करीब 2500 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा मामले बठिंडा से सामने आए हैं, जहां 358 घटनाएं दर्ज की गईं हैं।
पराली की समस्या से निपटने के लिए पूसा इंस्टीट्यूट ने एक बड़ी पहल की है। पूसा इंस्टीट्यूट ने एक बायो डिकंपोज पाउडर तैयार किया है। इस पाउडर को पानी में घोलकर खेतों में डालकर पराली को नष्ट किया जा सकता है। करीब 500 ग्राम पाउडर के पैकेट को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक हेक्टेयर में फैले पराली को नष्ट किया जा सकता है।
Stubble burning Solution: जिस पराली के धुएं से हर साल दिल्ली एनसीआर समेत अन्य जगहों पर हाहाकार मच जाता था और जिसकी वजह से प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी का दोष मढ़ा जाता था, अब उसका समाधान वैज्ञानिकों ने 10 वर्षों के गहन अनुसंधान के बाद खोज निकाला है।
विशेषज्ञों ने कहा कि पंजाब के खेतों में धान की पराली जलाने के कारण पैदा हुए धुंए के 300-400 किलोमीटर दूर पहुंचकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करना लगभग नामुमकिन है।
वर्तमान में दिल्ली में वायु गुणवत्ता हालांकि मध्यम श्रेणी में है, लेकिन आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और दूषित हो सकती है। इसका कारण पराली जलाने की घटनाओं का बढ़ना है। यह जानकारी सोमवार को सफर ने दी।
दिल्ली में शनिवार को कुल प्रदूषण का 32 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाए जाने की वजह से हुआ।
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