America Army Vaccination: अमेरिका में ‘आर्मी नेशनल गार्ड’ के करीब 40 हजार सैनिकों ने कोविड-19 से बचाव के लिए गुरुवार को तय अंतिम समय सीमा तक अनिवार्य रूप से टीका लगवाने की शर्त को पूरा नहीं किया जबकि 14 हजार सैनिकों ने टीका लगवाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है, जिससे उनपर बर्खास्तगी का खतरा मंडरा रहा है।
इस वीडियो में कम से कम 4 सुपर टुकानों फाइटर प्लेन्स दिख रहे हैं। एक एक प्लेन की कीमत 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन चूंकि उन्हें उडाने वाला कोई नही है, अफगानिस्तान एयरफोर्स के पायलट्स ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे इसीलिए 8000 करोड़ से ज्यादा की कीमत वाले ये विमान अब झूला झूलने के काम आ रहे हैं।
राशिद अहमद ने बताया कि तोरखाम सीमा से करीब 2,192 लोग पाकिस्तान आए हैं जबकि 1,627 लोग विमानों से इस्लामाबाद पहुंचे। इनके अलावा कुछ लोग चमन सीमा से आए, हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है।
15 अगस्त तक अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा हो चुका था और अमेरिका के नियंत्रण में सिर्फ काबुल एयरपोर्ट बचा था। लेकिन 30 अगस्त की रात को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की पूरी होने की घोषणा कर दी... इस घोषणा के साथ ही सामने आई एक तस्वीर, जो हमेशा अमेरिका के जेहन में हार रूपी कांटे के रूप में चुभेगी।
ट्रंप ने कहा, "इनके अलावा, सभी उपकरणों को तुरंत अमेरिका को वापस करने की मांग की जानी चाहिए क्योंकि उसके करीब 85 अरब डॉलर लगे हैं। अगर उन्हें वापस नहीं किया गया तो हमें जाहिर तौर पर सेना भेज उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम उन पर बम गिराने चाहिए।"
नांगरहार में एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिका ने काबुल में अमेरिकन एंबेसी के जरिए अपने नागरिकों को सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट के सभी गेट से फौरन हट जाने को कहा है।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि कई अमेरिकी भी काबुल हमले में हताहत हुए हैं। हमले के बाद का खौफनाक मंजर सामने आया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपने बलों की वापसी के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि इतिहास में यह कदम ‘‘तार्किक और उचित निर्णय’’ के रूप के दर्ज किया जाएगा।
अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाके कम संख्या, कम उन्नत हथियारों और बिना हवाई शक्ति के बेहतर बल साबित हुए। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उनकी श्रेष्ठता के दायरे को काफी हद तक कम करके आंका।
अफगानिस्तान की एयरफोर्स ने मंगलवार को तालिबान आतंकवादियों के ठिकाने पर बम बरसाए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार कंधार के दांड जिला, जिसे तालिबान आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है, वहां पर एक आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की।
वाशिंगटन पोस्ट ने अपने संपादकीय में कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बाइडन की योजना क्षेत्र के लिए घातक हो सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि लंबे समय तक आतंकवादी संगठनों पर रोक लगा पाना मुश्किल हो सकता है। ऐसा ही कुछ विचार वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी प्रकाशित किया है।
पाकिस्तान से लगती सीमा के पास स्थित क्षेत्र में भारतीय सैनिकों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए अमेरिकी सैनिकों का एक दल शनिवार को राजस्थान पहुंचा।
अमेरिका में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन, बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। वोटों की गिनती में जो बायडेन, प्रेसिडेंट ट्रंप से आगे निकल गए हैं, तो ट्रंप काउंटिंग के ख़िलाफ़ कोर्ट पहुंच गए हैं और अब चुनाव का फ़ैसला कोर्ट से कराने की धमकी दे रहे हैं।
हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने लिखा कि शी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीएलए को 2027 तक आधुनिक सैन्य बल बनाने का नया लक्ष्य तय किया गया है, तब तक चीन की सेना को अमेरिका की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को कहा कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपीन जैसे एशियाई देशों को चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका दुनिया भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर रहा है।
एक अश्वेत की मौत के बाद अमेरिका में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अराजकता फैलाने वालों पर वो सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने उन राज्यों को साफ साफ चेतावनी दी जो राज्य उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहे हैं।
अमेरिकी सैनिकों ने अमेरिका तालिबान शांति समझौते में जरूरी प्रारंभिक सैन्य वापसी के तहत अफगानिस्तान छोड़ना शुरू कर दिया है।
दोनों तरफ से हो रहे हमलों से दोहा शांति समझौते पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच हाल में समझौता हुआ है। समझौते के तहत अमेरिका अफगानिस्तान से अब करीब 18 साल बाद अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए मान गया है।
दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिका का एक सैनिक कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के मामले बुधवार को फिर से बढ़ गए। एशियाई देश में किसी सैनिक के कोरोना वायरस की चपेट में आने का यह पहला मामला है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा है कि ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी सैनिकों के एक ठिकाने पर किए गए हमले में कम से कम 11 अमेरिकी सैनिक घायल हुए हैं। बहरहाल, अमेरिकी सेना ने कहा था कि इस हमले में उसका कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ।
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