Thursday, May 02, 2024
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यूपी: हलाल सर्टिफिकेशन पर CM योगी का बड़ा फैसला, STF को सौंपी जांच

सीएम योगी ने हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सीएम ने मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है। गौरतलब है कि हजरतगंज कोतवाली में इससे जुड़ा मुकदमा दर्ज किया गया था।

Reported By : Vishal Pratap Singh Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: November 21, 2023 7:12 IST
CM YOGI - India TV Hindi
Image Source : PTI सीएम योगी

लखनऊ: हलाल सर्टिफिकेशन पर सीएम योगी का बड़ा फैसला सामने आया है। सीएम ने मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है। गौरतलब है कि हजरतगंज कोतवाली में इससे जुड़ा मुकदमा दर्ज किया गया था। 

हलाल का क्या मतलब होता है?

हलाल का मुख्य रूप से इस्तेमाल इस्लाम और उसके भोजन कानून (विशेष रूप से मांस) के लिए होता है। हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'वैध'। दरअसल मुस्लिम धर्म में खानपान को लेकर कुछ नियम हैं। जिसमें कहा गया है कि मुस्लिमों को हलाल मांस खाने की इजाजत है लेकिन झटका मांस खाने की इजाजत नहीं है।

हलाल और झटका मांस में क्या अंतर है?

झटका मांस वह होता है, जिसमें एक झटके में जानवर को काट दिया जाता है। हलाल मांस वह होता है, जिसमें जानवर को तेज धारदार हथियार से धीरे-धीरे काटा जाता है। 

हलाल सर्टिफिकेशन क्या है?

मुस्लिम आबादी वाले देशों में अगर किसी कंपनी को खाने-पीने का सामान बेचना होता है, तो वह ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ लेती है। दुनियाभर में कई इस्लामिक देशों में सरकार द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन किया जाता है। भारत में कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं। ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ को इस बात की गारंटी माना जाता है कि संबंधित प्रोडक्ट में किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में ‘हराम’ माना गया है। 

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