कोलकाता: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों ने पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक अधिकारों, सांप्रदायिक सद्भाव और CAA पर बहस को फिर से हवा दे दी है। इस नए सियासी माहौल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी दोनों ही अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगस्त में छात्रों के आंदोलन के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से ही बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं जिनमें मंदिरों में तोड़फोड़, घरों को जलाना और लोगों की हत्या तक शामिल है।
दास की गिरफ्तारी से हालात और खराब हुए
‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हालात और खराब हो गए हैं। चिन्मय कृष्ण दास को पिछले हफ्ते अल्पसंख्यक अधिकारों की वकालत करने वाली एक रैली में जाते समय हिरासत में लिया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की है। उन्होंने बीजेपी पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया है। साथ ही बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश से सताए गए भारतीयों को वापस लाने में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
‘केंद्र सरकार इतने सालों तक क्या कर रही थी?’
ममता बनर्जी ने साफ किया कि इस मामले पर उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, लेकिन उन्होंने विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश के अधिकारियों और अगर जरूरी हो तो संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया, ‘अगर जरूरी हो तो वहां की सरकार से बात करने के बाद एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना बांग्लादेश भेजी जाए ताकि उन्हें सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिल सके। जब बांग्लादेश में हिंदू आबादी कम हो रही थी, तब केंद्र सरकार इतने सालों तक क्या कर रही थी?’ ममता बनर्जी ने तुरंत कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा, ‘मैं चाहती हूं कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए।’
तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
TMC के महासचिव कुणाल घोष ने BJP पर बांग्लादेश में हिंसा को मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए ‘सियासी हथियार’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। घोष ने कहा, ‘जब वे विरोध में मार्च करते हैं तो उनकी जवाबदेही कहां होती है? बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चुप रहती है। अब 56 इंच का सीना कहां है? यह निष्क्रियता उनके पाखंड को उजागर करती है।’ TMC ने इस बात पर जोर दिया है कि पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखा जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल की बांग्लादेश के साथ 2217 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।
BJP ने पूरे बंगाल में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए
इस बीच बीजेपी ने TMC पर पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहने और बांग्लादेश में उनकी दुर्दशा पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा सिर्फ बांग्लादेश का मुद्दा नहीं है। यह एक मानवीय संकट है जो सीधे बंगाल को प्रभावित करता है। तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी और तुष्टीकरण की सियासत हिंदू समुदाय के साथ विश्वासघात है।’ BJP ने बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार से और अधिक मजबूत प्रतिक्रिया की मांग करते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
‘जहां भी हिंदुओं पर हमला होगा, हम न्याय के लिए लड़ेंगे’
BJP ने इस मुद्दे को CAA को लागू करने के अपने लंबे समय से चले आ रहे वादे से जोड़ने की भी कोशिश की है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करता है। मजूमदार ने कहा, ‘बांग्लादेश की हिंसा से बचकर आ रहे हिंदुओं को भारत में उनके अधिकारों और सम्मान का आश्वासन दिया जाना चाहिए।’ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी कुछ ऐसी ही बात की और कहा कि बांग्लादेश में अशांति का पश्चिम बंगाल पर ‘जरूर असर’ पड़ेगा। अधिकारी ने कहा, ‘जहां भी हिंदुओं पर हमला होगा, हम न्याय के लिए लड़ेंगे। CAA के प्रति तृणमूल कांग्रेस का विरोध उनके तुष्टीकरण के एजेंडे को दर्शाता है।’
विश्व हिंदू परिषद ने भी अपने आंदोलन को तेज किया
अधिकारी ने सीमा पार सताए गए हिंदुओं के जीवन और रोजगार की रक्षा करने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया। अधिकारी ने कहा, ‘उनके सांसदों को इस मामले को संसद में उठाना चाहिए, जो उनकी सही राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतिबिंब है। यह कोई सियासी मुद्दा नहीं है, बल्कि बांग्ला भाषी हिंदुओं के अस्तित्व का संकट है। सीएम को राजनीति से ऊपर उठकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए।’ बीजेपी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं और विश्व हिंदू परिषद ने भी अपने आंदोलन को तेज कर दिया है।
‘यह एक मानवीय मुद्दा है, कोई राजनीतिक फुटबॉल नहीं’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं। वाम मोर्चा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘यह एक मानवीय मुद्दा है, कोई राजनीतिक फुटबॉल नहीं। आरोप-प्रत्यारोप के बजाय, राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को सीमा के दोनों ओर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’ (भाषा)