Tuesday, April 30, 2024
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मां-बाप से अलग रह ट्यूशन पढ़ाता था संसद घुसपैठ का मास्टरमाइंड ललित, भाई बोला- पूरा परिवार अब भी सदमे में है

तीन भाइयों में दूसरे नंबर का ललित बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है, जबकि बड़ा भाई शभू सेल्समैन है और छोटा भाई सोनू इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: December 15, 2023 19:38 IST
lalit jha- India TV Hindi
Image Source : PTI मास्टरमाइंड ललित झा

कोलकाता: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। वहीं, ललित के बड़े भाई शंभू झा ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूरा परिवार अब भी सदमे में है। ललित को गुरुवार शाम को नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। ललित एक व्यक्ति के साथ राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया था। शंभू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि वह इन सब में कैसे शामिल हुआ। वह हमेशा झगड़ों से दूर रहता था। वह बचपन से ही शांत और चुप रहने वाला व्यक्ति था और किसी से कम घुलता-मिलता था। हमें पता है कि वह निजी शिक्षक होने के अलावा एनजीओ से जुड़ा हुआ था और हम टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर वाकई स्तब्ध हैं।’’

भाई के पास आ रहे पुलिस और रिश्तेदारों के फोन

बुधवार रात से ही शंभू के पास लगातार फोन आ रहे हैं और पुलिस व रिश्तेदार दोनों ही झा के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आखिरी बार उसे 10 दिसंबर को देखा था जब हम बिहार में अपने गृह नगर रवाना हुए थे। वह सियालदाह स्टेशन पर हमें छोड़ने आया था। अगले दिन उसने हमें फोन किया और कहा कि वह अपने किसी काम से नई दिल्ली जा रहा है। हमारी आखिरी बार उससे तभी बात हुई थी।’’

बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर करता था गुजारा

तीन भाइयों में दूसरे नंबर का ललित बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है, जबकि बड़ा भाई शभू सेल्समैन है और छोटा भाई सोनू इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। सोनू ने बताया कि ललित 21 साल पहले यानी 2002 के आसपास कोलकाता आया था। तब से वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करता था। कुछ वर्षों तक वह बड़ाबाजार इलाके में रहते था लेकिन जब वह घर जर्जर हो गया तो ललित फिर दूसरी जगह रहने लगा। सोनू ने कहा, मैं बहुत बाद में, लगभग 3-4 साल पहले कोलकाता आया। ललित काफी समय पहले कोलकाता आ गया था और पिताजी के साथ ही रहता था। लेकिन अब कोई जानकारी नहीं है कि वह कहां रहता है क्योंकि मैं कभी उसके घर नहीं गया, वही हमारे घर आता-जाता था।

पड़ोसी भी हैरान

ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं। उन्होंने उसे अपने तक सीमित रहने वाला इंसान बताया जो कोलकाता के बड़ाबाजार में लोगों के कभी-कभार ही घुलता-मिलता था। बाद में परिवार उत्तर 24 परगना जिले के बागुइती में रहने चला गया था। बड़ाबाजार इलाके के रबींद्र सरानी में चाय का ठेला लगाने वाले पापुल शॉ ने बताया कि ललित ‘शिक्षक’’ था जो 2 साल पहले गायब हो गया था। शॉ ने कहा, ‘‘उसे शिक्षक के रूप में जाना जाता था जो स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था। कुछ साल पहले वह इलाके में आया और अकेले रह रहा था। वह कभी-कभार ही स्थानीय लोगों से बात करता था। उस वक्त वह मेरे ठेले पर चाय पीता था। दो साल पहले वह अचानक इलाके से चला गया और फिर कभी नहीं लौटा।’’

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