Sunday, April 28, 2024
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संयुक्त राष्ट्र में फिर बेइज्जत हुआ पाकिस्तान, कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दे दी ये कड़ी नसीहत

संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान ने जब कश्मीर राग अलापा तो भारत ने उसकी धुलाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने कहा कि वह बार-बार इस अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करने के लिए यह मुद्दा उठाता है और बेतुके आरोप लगाता है। मगर उसे अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान देने से भला होगा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 04, 2023 22:47 IST
संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक)- India TV Hindi
Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक)

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की ऐसी धुलाई की है कि वह शर्म से पानी-पानी हो उठा है। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाने वाले पाकिस्तान को इस बार भारत की कड़ी नसीहत शायद कभी नहीं भूलेगी। अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करने वाले पाकिस्तान को भारत ने साफ शब्दों में कह दिया कि वह बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाने के बजाय अपने घर की समस्याओं को पहले देख ले तो फिर इस मसले पर बात करे। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान अक्सर कश्मीर मुद्दा उठाकर नई दिल्ली पर बेतुके आरोप लगाता है, लेकिन इससे उसका भला होने वाला नहीं है। इसलिए पाकिस्तान को यह सब करने के बजाय अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में काउंसलर आर मधुसूदन ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा, ‘‘इस परिषद के समय का सर्वोत्तम इस्तेमाल करने के लिए, मेरा सुझाव है कि संबंधित प्रतिनिधिमंडल मेरे देश के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने में संलिप्त होने के बजाय अपने आंतरिक मामलों से निपटने और अपनी सीमा के भीतर व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करें।’’ मधुसूदन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अकाल और संघर्ष के कारण वैश्विक खाद्य असुरक्षा पर खुली चर्चा के दौरान एक पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर जवाब दे रहे थे।

महत्वपूर्ण मुद्दे से ध्यान भटकाता है पाकिस्तान

मधुसूदन ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमने देखा कि खाद्य सुरक्षा के महत्वपूर्ण विषय से इस परिषद का ध्यान भटकाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने फिर से इस मंच का दुरुपयोग किया।’’ मधुसूदन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने उन लोगों के साथ चर्चा या बहस में शामिल होना अनावश्यक समझा, जो अपने गैरकानूनी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेते हैं। मधुसूदन ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह ‘‘मेरे देश के खिलाफ तुच्छ आरोपों में लिप्त होने के बजाय" आंतरिक मामलों पर ध्यान दे और अपनी सीमाओं के भीतर व्यवस्था बहाल करे।

भारत और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर तनावपूर्ण संबंध हैं, जिनमें इस्लामाबाद द्वारा सीमा पार आतंकवाद को निरंतर समर्थन और कश्मीर मुद्दा भी शामिल है। भारत का कहना है कि जम्मू कश्मीर हमेशा देश का हिस्सा था, है और रहेगा। इस्लामाबाद और नयी दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंध अगस्त 2019 से तनावपूर्ण है, जब भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था। (भाषा)

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