Friday, April 26, 2024
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भूखे पेट को न भोजन नसीब हुआ और न ही बीमारों को इलाज, 71 बच्चों की भूख से तड़पकर दर्दनाक मौत

सूडान में भूख और बीमारी से तड़पकर 71 बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस दर्दनाक वाक्ये से हैरान है। इस बीच 300 से अधिक बच्चों को भूख और बीमारी से बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 08, 2023 17:34 IST
भूखे बच्चे (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : FILE भूखे बच्चे (प्रतीकात्मक फोटो)

दुनिया 21वीं सदी में है, जहां ट्रेड, टेक्नालॉजी, तरक्की चरम पर है। मगर इस दौरान भी यदि कोई बिना भोजन और इलाज के दम तोड़ दे तो उस देश के साथ ही साथ दुनिया के लिए शर्मिंदगी की बात है। हम आपको एक ऐसी ही सच्ची घटना बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपका कलेजा फट जाएगा, आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे, आपकी आत्मा कराह उठेगी और दिल दहल जाएगा। घटना हिंसाग्रस्त सूडान के एक अनाथालय की है, जहां बिना भोजन और बिना इलाज के तड़पर 71 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। भूख और बीमारी से हुई इन बच्चों की मौत ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार सूडान में अप्रैल माह से अब तक 71 बच्चों की भूख और बीमारी के कारण मौत हो गई। इस घटना के बाद अनाथालय से कम से कम 300 बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सूडान में सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच देश में चल रही भीषण लड़ाई के मध्य बच्चों की मौत का मामला अल-मैकुमा अनाथालय का है और पिछले माह इसका खुलासा हुआ था। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) के प्रवक्ता रिकार्डो पिरेस ने कहा, ‘‘ खार्तुम के अल मैकुमा अनाथालय से कम से कम 300 बच्चों को ‘‘सुरक्षित स्थान’’ पर पहुंचाया गया है।’’ उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को एक ईमेल के जरिए बताया कि सूडान के सामाजिक विकास मंत्रालय ने बच्चों की जिम्मेदारी संभाली है, वहीं यूनीसेफ ने चिकित्सा सहायता, भोजन, शिक्षण गतिविधि तथा खेल-कूद आदि की जिम्मेदारी ली है।

संयुक्त राष्ट्र भी हैरान

भूख और बीमारी से तड़पकर हुई 71 बच्चों की दर्दनाक मौत ने संयुक्त राष्ट्र को भी हैरान कर दिया है। बच्चों को निकालने में मदद करने वाली रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्ररीय समिति (आईसीआरसी) ने कहा कि एक माह से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को जाजिरा प्रांत की राजधानी मदनी तक के लिए सुरक्षित गलियारा हासिल करते हुए सेफ स्थान पर ले जाया गया। बच्चों के साथ देखभाल करने वाले 70 लोगों को भी भेजा गया है। सूडान में आईसीआरसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख जीन क्रिस्टोफर ने कहा, ‘‘ बच्चों ने उस स्थान पर जहां पिछले छह सप्ताह से लड़ाई चल रही है, उस स्थान पर बेहद कठिन वक्त काटा है।’’ मीडिया की खबर के मुताबिक अनाथालय में जिन बच्चों की भूख और बीमारी से मौत हुई है, उनमें तीन माह के बच्चे भी शामिल हैं। (PTI)

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