Friday, May 03, 2024
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संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना चाहता है तालिबान, महासचिव को भेजी चिट्ठी

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को 15 सितंबर को मौजूदा अफगान राजदूत, गुलाम इसाकजई की ओर से यह प्रस्ताव मिला।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 22, 2021 14:32 IST
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना चाहता है तालिबान, महासचिव को भेजी चिट्ठी- India TV Hindi
Image Source : PTI संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना चाहता है तालिबान, महासचिव को भेजी चिट्ठी

संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के अभी चंद दिन ही बीते हैं कि तालिबान अब संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में दुनिया के नेताओं के बीच अपनी बात रखना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया है कि तालिबान भी इसमें अपनी भागीदारी चाहता है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को 15 सितंबर को मौजूदा अफगान राजदूत, गुलाम इसाकजई की ओर से यह प्रस्ताव मिला। इसमें महासभा के 76 वें वार्षिक सत्र के लिए अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल की लिस्ट दी गई थी।

दुजारिक ने कहा कि पांच दिन बाद गुटेरेस को इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के लेटरहेड के साथ एक और चिट्ठी मिली। इसपर अमीर खान मुत्ताकियो की तरफ से 'विदेश मंत्री' के रूप में साइन किए गए थे। मुत्ताकियो ने इस चिट्टी में कहा कि 15 अगस्त तक अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को हटा दिया गया था और दुनिया भर के देश अब उन्हें राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देते हैं, और इसलिए इसाकजई अब अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। 

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के एक नए स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर मोहम्मद सुहैल शाहीन को अपना नाम भेज रहा है। वह कतर में शांति वार्ता के दौरान तालिबान के प्रवक्ता रहे हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी वापसी की डेडलाइन से पहले 15 अगस्त को ही तालिबान ने राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। 

कतर ने विश्व नेताओं से तालिबान का बहिष्कार नहीं करने का आग्रह किया 

कतर के सत्ताधारी अमीर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक नेताओं से आग्रह किया कि उन्हें तालिबान का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने सम्बोधन में शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा कि तालिबान से बातचीत करना जारी रखना चाहिए क्योंकि बहिष्कार से केवल ध्रुवीकरण और प्रतिक्रिया उत्पन्न होगी जबकि संवाद से सकारात्मक नतीजे मिल सकते हैं। उन्होंने यह बयान उन राष्ट्राध्यक्षों की तरफ इशारा करते हुए दिया जो तालिबान से बातचीत करने में घबरा रहे हैं और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने से कतरा रहे हैं। 

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