Sunday, April 28, 2024
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सांप्रदायिक तनाव के बीच नेपाल नेपाल ने 1 अरब हिंदुओं के लिए किया ये बड़ा ऐलान, चीन भी देगा साथ

नेपाल की शोभा यात्रा में दो सांप्रदायों के बीच हुई झड़प के बाद कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू का दौर जारी है। इस दौरान नेपाल सरकार ने हिंदुओं के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। खासस बात यह है कि हिंदुओं के लिए किए गए इस फैसले में नेपाल का साथ चीन भी दे रहा है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: October 05, 2023 16:52 IST
नरायण प्रकाश सउद, नेपाल के विदेश मंत्री - India TV Hindi
Image Source : AP नरायण प्रकाश सउद, नेपाल के विदेश मंत्री

नेपाल में कुछ दिनों पहले शुरू हुए सांप्रदायिक तनाव के बीच हिंदुओं के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। नेपाल सरकार द्वारा हिंदुओं के हित में लिए गए इस फैसले में चीन भी साथ खड़ा है। सरकार के इस ऐलान से दुनिया भर के हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। नेपाल के विदेश मंत्री नरायण प्रकाश सउद ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारी सरकार इस बार तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर तक पहुंचने के लिए हिंदू तीर्थ यात्रियों को सबसे छोटा मार्ग मुहैया कराने के मकसद से 1 अरब हिंदू तीर्थयात्रियों को मदद करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के हिंदुओं को इस पवित्र स्थान की यात्रा में मदद करने की योजना में चीन भी साथ दे रहा है। इस योजना को चीन के साथ एक समझौते के अमल में आने के बाद हकीकत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। 

नेपाल के विदेश मंत्री नरायण प्रकाश सउद ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के न्गारी में स्थित कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा को दुनियाभर के हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र यात्रा के रूप में माना जाता है। तिब्बत में मौजूद इन दो प्राकृतिक पवित्र स्थानों में बौद्ध, जैन और तिब्बत के स्थानीय बोनपा श्रद्धालु भी काफी विश्वास रखते हैं। सउद की यह महत्वकांक्षी योजना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनियाभर से भारी संख्या में हिंदू नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा करना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं वे भारतीय, जो समय बचाना चाहते हैं और भारतीय क्षेत्र में आने वाली कठिन चढ़ाई से बचना चाहते हैं वे भी निजी संचालकों के माध्यम से नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने का विकल्प चुनते हैं। इस वजह से यह यात्रा नेपाल सरकार के लिए एक फायदे का सौदा साबित होती है।

नेपाल कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए सबसे छोटा रास्ता मुहैया कराएगा

कोरोनावायरस महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के हटने के बाद चीन ने इस साल कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा को खोल दिया था। हालांकि शुल्क में भारी वृद्धि और विशेष तौर पर भारतीय श्रद्धालुओं के वीजा पर कई प्रतिबंधों की वजह से यात्रा में उम्मीद के मुताबिक लोग नहीं पहुंचे थे। तिब्बत के कई हिस्सों सहित चीन का आठ दिवसीय दौरा कर लौटे सउद ने ललितपुर जिले में कहा, ‘‘दुनियाभर के हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर आकर्षण का एक महान केंद्र रहा है। सभी हिंदू तिब्बत में स्थित इस पवित्र स्थान तक पहुंचकर दर्शन करना चाहते हैं। नेपाल, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को कैलाश मानसरोवर तक पहुंचने के लिए सबसे छोटे रास्ता मुहैया करा सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस मकसद के लिए हमारे उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अध्ययन किए हैं। आने वाले दिनों में हम चीन के प्राधिकारियों के साथ नेपाल के रास्ते कैलाश क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चर्चा करेंगे। हम चीन सरकार से पहले ही तीनों रास्तों को खोलने को कह चुके हैं और चीन सरकार ने इस मामले पर सकरात्मक रुख अपनाया है।

 

नेपाल के साथ भारतीय यात्रियों की सुविधा के लिए भी की चीन से बात

’’ कैलाश मानसरोवर क्षेत्र तक पहुंचने के लिए नेपाल से होकर जाने वाले तीन मार्ग- हुम्ला जिले का हिल्सा, बझांग का खोरी और दार्चुला जिले का टिंकर हैं। ये सभी रास्ते पश्चिमी नेपाल में स्थित हैं। वहीं मानसरोवर झील हुमला जिले के मुख्यालय सिमिकोट से लगभग 160 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है। सउद ने कहा, ‘‘सबसे पहले हम चीनी अप्रवासन अधिकारियों के साथ एक समझौता करने की जरूरत है ताकि नेपाली और भारतीय दोनों यात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए मानसरोवर की यात्रा को आसान बनाया जा सके। इसके लिए दोनों देशों के अधिकारियों को नियमित रूप से संपर्क में रहना होगा।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले श्रद्धुलाओं के लिए सिर्फ तीन प्रवेश बिंदुओं के बजाये चीन ने नेपाल और चीन के बीच 14 प्रवेश बिंदुओं का प्रस्ताव दिया है, जिसका मकसद आम यात्रियों व माल लाने-ले जाने की सुव‍िधा बढ़ाना है और हम इस पर अध्ययन कर रहे हैं। सउद ने जोर देकर कहा, ‘‘अध्ययन करने के बाद हमें बुनियादी ढांचा, मोटर वाहन योग्य सड़कें और आतिथ्य सुविधाएं विकसित करने की जरूरत होगी। अगर हम इनका उचित तरीके से प्रबंध करने में सफल हो जाते हैं तो हम दुनियाभर के एक अरब हिंदुओं के लिए मार्ग खोल सकते हैं, जो इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।’ (भाषा) 

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