Monday, April 29, 2024
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बलूचिस्तान के आगे चीन ने टेक दिया घुटना, आतंकी हमले के बाद कई चीनी कंपनियां छोड़ेंगी पाकिस्तान

दुनिया में खुद को अमेरिका के मुकाबले ताकतवर बताने वाले चीन ने बलूचिस्तान के आगे घुटना टेक दिया है। पाकिस्तान में 5 चीनियों की आतंकी हमले में मौत के बाद चीनी कंपनियों ने अब देश छोड़ने की योजना बना ली है। कई चीनी कंपनियां और उनके कर्मी अब डर के मारे पाकिस्तान में काम करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: March 31, 2024 21:52 IST
पाकिस्तान में मौजूद चीनी कंपनी का चलता कार्य (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान में मौजूद चीनी कंपनी का चलता कार्य (प्रतीकात्मक फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में काम कर रही चीनी कंपनियां अब बलूचिस्तान से डर गई हैं। लिहाजा चीनी कंपनियों ने अब पाकिस्तान छोड़ने का ऐलान कर दिया है। चीन के श्रमिकों पर हुए हालिया घातक हमले ने उनके आत्मविश्वास को इतना अधिक झकझोर कर रख दिया है कि अब चीनी इंजीनियरों और कर्मियों की हिम्मत पाकिस्तान में रहने की नहीं हो रही है। सुरक्षा कारणों से कई चीनी कंपनियां और उनके कर्मी पाकिस्तान छोड़ने की योजना बना रहे हैं। एक सुरक्षा विश्लेषक ने यह बात कही है।

‘डॉन’ समाचार पत्र में रविवार को प्रकाशित एक लेख में मुहम्मद आमिर राणा ने लिखा कि चीनी इंजीनियरों के वाहन पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में पांच चीनी नागरिकों के मारे जाने के परिणामस्वरूप चीन की कंपनियों ने कम से कम तीन महत्वपूर्ण पनबिजली परियोजनाओं डासू बांध, डायमर-बाशा बांध और तरबेला एक्सटेंशन पर काम रोक दिया है। उन्होंने लिखा, “इस हमले से काफी चिंता फैल गई है। इन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बाधित करने के अलावा इस हमले ने पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों के आत्मविश्वास को भी झकझोर कर रख दिया है।

चीनियों को पाकिस्तान में सता रहा मौत का डर

रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुछ लोग सुरक्षा चिंताओं के कारण देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।” उल्लेखनीय है कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तत्वावधान में जारी परियोजनाओं में हजारों चीनी कर्मी पाकिस्तान में काम कर रहे हैं। राणा ने कहा कि पाकिस्तान का उग्रवादी परिदृश्य बहुत जटिल न हो, लेकिन विविध जरूर है, जहां विचारधाराएं, सामाजिक-राजनीतिक कारक और समूहों की गतिशीलता सभी स्थानीय संदर्भों में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकवाद विरोधी जांच में, व्यापक वैचारिक और राजनीतिक पहलुओं की तुलना में स्थानीय संदर्भ और गतिशीलता अधिक महत्वपूर्ण हैं। (भाषा) 

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