Saturday, April 20, 2024
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चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन का निधन, भारत के साथ सीमा पर तनाव कम करने के लिए किया था समझौते पर हस्ताक्षर

जेमिन के कार्यकाल में ही 1997 में ब्रिटिश शासन से हांगकांग की वापसी हुई और 2001 में वीन विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ। जेमिन ने अपना सरकारी पद 2004 में छोड़ दिया था, लेकिन पर्दे के पीछे वह सक्रिय रहे, जिसके कारण वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनफिंग का उदय हुआ, जिन्होंने 2012 में सत्ता संभाली थी।

Shashi Rai Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: December 15, 2022 22:39 IST
चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन का निधन- India TV Hindi
Image Source : ANI चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन का निधन

बीजिंग: चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन का बुधवार को निधन गया। वह भारत की यात्रा करने वाले पहले चीनी राष्ट्रपति थे। साल 1996 में भारत का दौरा करने वाले और विवादित सीमा पर तनाव को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करके दोनों देशों के बीच रचनात्मक सहयोग के एक नए युग की उन्होंने शुरुआत की थी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार 1993-2003 तक चीन के राष्ट्रपति रहे जेमिन का 96 साल की उम्र में शंघाई में ल्यूकेमिया और शरीर के कई अंगों के काम नहीं करने के कारण निधन हो गया। जेमिन के निधन की घोषणा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की सत्तारूढ़ केंद्रीय समिति द्वारा की गई। पार्टी के मुखपत्र में एक आधिकारिक पत्र में कहा गया है, ‘‘कॉमरेड जियांग जेमिन एक उत्कृष्ट नेता थे, जिन्हें पूरी पार्टी, पूरी सेना और सभी जातीय समूहों के चीनी लोगों द्वारा उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त थी। वह एक महान मार्क्सवादी, एक महान क्रांतिकारी, राजनीतिज्ञ और कुशल सैन्य रणनीतिकार थे।’’

जियांग भारत का दौरा करने वाले पहले चीनी राष्ट्रपति थे

भारत के दृष्टिकोण से, जेमिन पहले चीनी राष्ट्रपति थे जिन्होंने नई दिल्ली का दौरा किया था और इस दौरान दोनों देशों ने 1996 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बहाल करने के लिए एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जियांग जेमिन की यात्रा के दौरान जिन चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए उनमें एलएसी के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास बहाली उपाय (सीबीएम) शामिल था, जिसमें आदान-प्रदान बढ़ाने और सहयोग तथा विश्वास को बढ़ावा देने के लिए दोनों सेनाओं के बीच ठोस उपायों को अपनाना शामिल था। द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 2003 की यात्रा के दौरान जटिल सीमा प्रश्न पर चर्चा करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की नियुक्ति हुई और इस दौरान जियांग एक प्रभावशाली नेता बने रहे, क्योंकि उन्होंने चीन के शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का नेतृत्व किया। 

चीन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया

तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र और चीनी शीर्ष अधिकारी दाई बिंगुओ को पहले विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। तब से, द्विपक्षीय तंत्र के तहत 22 बैठक हो चुकी हैं। जेमिन ने तियानमेन स्क्वायर में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के बाद के दौर में देश का नेतृत्व किया था और आर्थिक सुधारों का समर्थन किया था। वर्ष 1989 के तियानमेन की कार्रवाई के बाद विभाजित कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व करते हुए जेमिन ने चीन में बाजार उन्मुख सुधार किए। कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में 13 वर्षों तक उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी में पूंजीपतियों का स्वागत करके और चीन के विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के बाद विदेशी निवेश लाकर चीन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। 

पूर्वी शहर यांगझो में जियांग का जन्म हुआ था

जेमिन के कार्यकाल में ही 1997 में ब्रिटिश शासन से हांगकांग की वापसी हुई और 2001 में वीन विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ। जेमिन ने अपना सरकारी पद 2004 में छोड़ दिया था, लेकिन पर्दे के पीछे वह सक्रिय रहे, जिसके कारण वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनफिंग का उदय हुआ, जिन्होंने 2012 में सत्ता संभाली थी। जियांग का जन्म 17 अगस्त, 1926 को पूर्वी शहर यांगझो में हुआ था। 

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