Friday, March 29, 2024
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Hong Kong challenge to America: हांगकांग ने अमेरिका को दी सीधी चुनौती, रूसी कंपनी पर प्रतिबंध मानने से किया इंकार

Hong Kong challenge to America: रूस-यूक्रेन के युद्ध की वजह से अमेरिका ने तमाम रुसी कंपनियों पर रोक लगा दी है। इन्हीं कंपनियों में से एक रूसी कारोबारी के स्वामित्व वाली ‘सुपरयाट’ कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन हांगकांग ने इस प्रतिबंध को मानने से इंकार कर दिया है। जिससे अमेरिकी सरकार में बौखलाहट बढ़ गई है।

Sachin Tripathi Reported By: Sachin Tripathi
Published on: October 11, 2022 15:00 IST
Hong Kong challenge to America- India TV Hindi
Image Source : AP Hong Kong challenge to America

Highlights

  • हांगकांग ने रुसी कंपनी पर प्रतिबंध मनाने से किया इंकार
  • पुतिन के करीबी पर अमेरिका ने लगाया है प्रतिबंध
  • अमेरिका ने कहा-हांगकांग को होगा नुकसान

Hong Kong challenge to America: अभी तक आपने उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किमजोंग की जिद के ही बारे में सुना होगा, जो अमेरिका के किसी भी आदेश को नहीं मानते। किमजोंग अक्सर अमेरिका पर मिसाइलों और परमाणु बम से हमले की धमकी भी देते रहते हैं। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद किमजोंग बेफिक्र होकर मिसाइल परीक्षण लगातार करते रहते हैं। अब एक अन्य छोटे देश हांगकांग ने भी अमेरिको को सीधी चुनौती दे दी है। इससे बाइडन की बौखलाहट बढ़ गई है। 

दरअसल अमेरिका ने हाल ही में रूसी कारोबारी के स्वामित्व वाली ‘सुपरयाट’ कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन हांगकांग ने इसे मानने से इंकार कर दिया। हांगकांग के नेता जॉन ली ने मंगलवार को कहा कि वह केवल संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करेंगे। अमेरिका के किसी प्रतिबंध को नहीं मानेंगे। इससे पहले अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगर हांगकांग प्रतिबंधित व्यक्तियों के लिए पनाहगाह बना रहा तो उसके वित्तीय केंद्र का दर्जा खतरे में पड़ सकता है।

पुतिन के करीबी पर अमेरिका ने लगाया है प्रतिबंध

हांगकांग के नेता जॉन ली का बयान मंगलवार को तब आया जब कुछ दिन पहले रूसी कारोबारी एलेक्सी मोरदाशोव की एक आलीशान याट (नौका) शहर के तट पर रुकी। मोरदाशोव को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता है और फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उन पर अमेरिका, ब्रिटेन तथा यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाया था। हांगकांग के अधिकारियों ने कहा है कि वे अन्य सरकारों द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंध को लागू नहीं कर सकते हैं।

अमेरिका ने कहा-हांगकांग को होगा नुकसान

ली ने कहा कि हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते हैं, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं हो। हम संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को ही मानेंगे, यही हमारा तंत्र है। अन्य किसी भी देश के प्रतिबंध को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि प्रतिबंधित व्यक्तियों द्वारा हांगकांग की धरती को पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करना कारोबारी माहौल की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि अंतरराष्ट्रीय कानून और मानकों के अनुपालन पर निर्भरता’’ से वित्तीय केंद्र के तौर पर शहर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। इसके बावजूद हांगकांग ने सीधे बाइडन को चुनौती देते हुए किसी भी प्रतिबंध को मानने से इंकार कर दिया है।

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