Monday, May 06, 2024
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अमेरिकी ड्रोन से लैस होगी भारतीय सेना, LAC पर चीनी दुश्मनों पर नजर रखेगा MQ-9B प्रिडेटर

भारतीय सेना जल्द ही अमेरिकी MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन से लैस होने जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने चीनी सीमा पर दुश्मनों पर नजर रखने और उन्हें जवाब देने के लिए विशेष रूप से इसकी खरीद को मंजूरी दी है। 14 ड्रोन का करीब 3 अरब डॉलर में सौदा होने जा रहा है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 15, 2023 20:53 IST
अमेरिका का MQ-9B ड्रोन- India TV Hindi
Image Source : FILE अमेरिका का MQ-9B ड्रोन

भारतीय सेना के बेडे़ में जल्द ही 14 अमेरिकी MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन शामिल होने वाले हैं। इससे भारतीय सेना का ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह ड्रोन जल, थल और वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे। रक्षा मंत्रालय ने विशेष रूप से चीन से लगी सीमा पर सशस्त्र बलों के निगरानी उपकरण बढ़ाने के लिए 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अमेरिका का विशेष MQ-9B वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) पर चीनी दुश्मनों पर नजर रखेगा। इससे चीनी घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही यह दुश्मनों की सभी तरह की मिसाइल को भी मार गिराने और अटैक करने की क्षमता भी रखते हैं।

3 अरब डॉलर का है सौदा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से कुछ दिन पहले यह फैसला लिया गया है। यह उम्मीद है कि तीन अरब डॉलर के इस खरीद सौदे की घोषणा मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच व्हाइट हाउस में अगले हफ्ते होने वाली बैठक के बाद की जाएगी। घटनाक्रम से अवगत व्यक्तियों ने बताया कि खरीद प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की एक बैठक में मंजूरी दी गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।

MQ-9B ड्रोन हैं बेहद खतरनाक

अमेरिका के ये ‘सी गार्डियन’ ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों के लिए खरीदे गये हैं क्योंकि ये ड्रोन समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नौसेना को 14 ड्रोन, जबकि भारतीय वायुसेना और थलसेना को आठ-आठ ड्रोन मिलने की संभावना है। एमक्यू-9बी के दो स्वरूप हैं--स्काई गार्डियन और सी गार्डियन। यह एंटी टैंक मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल और लेजर गाइडेड मिशाल चलाने की क्षमता रखते हैं। यह 5670 किलोग्राम वजन के साथ लैंडिंग और टेकऑफ कर सकते हैं। यह सर्च और रेस्क्यू मिशन,आपदा प्रबंधन, बॉर्डर एंड लॉ एन्फोर्समेंट, डिफेंस काउंटर एयर, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग में भी अहम भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं।(भाषा)

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