Thursday, December 25, 2025
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चीन के बाद उत्तर कोरिया ने भी दिखाई न्यूक्लियर पावर, किम जोंग ने किया परमाणु-संचालित पनडुब्बी का प्रदर्शन

उत्तर कोरिया ने भी चीन की तर्ज पर अपनी परमाणु क्षमता को लगातार बढ़ाने का फैसला किया है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल में ही अपनी नई परमाणु संचालित पनडुब्बी का प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 25, 2025 02:45 pm IST, Updated : Dec 25, 2025 02:48 pm IST
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपनी परमाणु पनडुब्बी के साथ।- India TV Hindi
Image Source : AP उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपनी परमाणु पनडुब्बी के साथ।

सियोल: चीन के बाद अब उत्तर कोरिया भी अपने परमाणु हथियारों का प्रदर्शन कर रहा है। उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अपनी परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रदर्शन किया। राज्य मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में पनडुब्बी का लगभग पूरा बाहरी ढांचा दिखाया गया है। इस दौरान नेता किम जोंग उन ने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की इस तकनीक को हासिल करने की कोशिशों की कड़ी निंदा की। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार किम जोंग उन ने एक शिपयार्ड का दौरा किया, जहां वे 8,700 टन वर्ग की परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण का निरीक्षण कर रहे थे।

परमाणु हथियारों से लैस होगी पनडुब्बी

उत्तर कोरिया इसे अपनी नौसेना के आधुनिकीकरण और परमाणु हथियारों से लैस करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताता है। उत्तर कोरिया ने संकेत दिया है कि वह इस पनडुब्बी को परमाणु हथियारों से लैस करेगा, इसे "स्ट्रैटेजिक गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी" या "स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी" कहता है। इस दौरे के दौरान किम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से समर्थन प्राप् दक्षिण कोरिया की परमाणु-संचालित पनडुब्बी हासिल करने की योजना को "आक्रामक कार्रवाई" करार दिया। साथ ही इसे उत्तर कोरिया की सुरक्षा और समुद्री संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की यह योजना उत्तर कोरिया की नौसेना को आधुनिक और परमाणु हथियारों से लैस करने की आवश्यकता को और रेखांकित करती है। 

 

किम ने किया ये बड़ा दावा

किम जोंग ने दावा किया कि उनकी परमाणु-संचालित पनडुब्बी का पूरा होना दुश्मन खतरों के खिलाफ उत्तर कोरिया के परमाणु युद्ध निरोधक क्षमता को मजबूत करने में "युगांतकारी" बदलाव लाएगा। एजेंसी ने किम के शिपयार्ड दौरे की तारीख नहीं बताई, लेकिन तस्वीरें जारी कीं, जिनमें वे वरिष्ठ अधिकारियों और अपनी बेटी के साथ असेंबली हॉल के अंदर एक विशाल, बरगंडी रंग की जहाज का निरीक्षण करते दिख रहे हैं। जहाज पर जंग-रोधी पेंट की परत चढ़ी हुई है। मार्च के बाद उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने पहली बार पनडुब्बी की तस्वीरें जारी की हैं; उस समय ज्यादातर तस्वीरें जहाज के निचले हिस्सों की थीं। यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया इस जहाज को पूरा करने के कितने करीब है। मगर पनडुब्बियां आमतौर पर अंदर से बाहर बनाई जाती हैं, इसलिए लगभग पूरे हल की तस्वीरें जारी करना संकेत देता है कि इंजन और संभवतः रिएक्टर सहित कई प्रमुख घटक पहले से ही स्थापित हैं। 


पानी में उतरने को तैयार है उत्तर कोरिया की पनडुब्बी

सियोल की हान्यांग यूनिवर्सिटी के पनडुब्बी विशेषज्ञ मून क्यून-सिक ने कहा, "पूरे जहाज को अब दिखाना यह संकेत देता है कि ज्यादातर उपकरण पहले से ही स्थापित हैं और यह पानी में उतारने के लिए लगभग तैयार है। दक्षिण कोरियाई नौसेना के पूर्व पनडुब्बी अधिकारी मून का मानना है कि उत्तर कोरियाई पनडुब्बी कुछ महीनों में समुद्री परीक्षण के लिए तैयार हो सकती है। परमाणु-संचालित पनडुब्बी 2021 की प्रमुख राजनीतिक सम्मेलन में किम द्वारा घोषित परिष्कृत हथियारों की लंबी सूची में शामिल थी, जिसका उद्देश्य अमेरिका-नेतृत्व वाले सैन्य खतरों का मुकाबला करना था।

अन्य हथियारों में ठोस ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, हाइपरसोनिक हथियार, जासूसी उपग्रह और मल्टी-वारहेड मिसाइलें शामिल थीं। उत्तर कोरिया ने तब से इनके अधिग्रहण के लिए कई परीक्षण गतिविधियां की हैं ।यदि उत्तर कोरिया पानी के नीचे से मिसाइल दागने की अधिक क्षमता हासिल कर लेता है, तो यह चिंताजनक विकास होगा, क्योंकि ऐसे प्रक्षेपणों का पहले से पता लगाना मुश्किल होता है। लेकिन सवाल उठते हैं कि भारी प्रतिबंधों और गरीबी से जूझता उत्तर कोरिया परमाणु-संचालित पनडुब्बियां बनाने के लिए संसाधन और तकनीक कैसे हासिल कर सकता है।


रूस से उत्तर कोरिया का गठजोड़

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया का रूस के साथ हालिया गठजोड़ बेहद मजबूत हुआ है। इसमें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध का समर्थन करने के लिए यूक्रेन में हजारों सैनिक और सैन्य उपकरण भेजना शामिल है। कुछ विश्लेषक संदेह करते हैं कि उत्तर कोरिया ने रूस से रिएक्टर मांगा हो, संभवतः किसी सेवानिवृत्त रूसी पनडुब्बी से। जबकि मून का कहना है कि अधिक संभावना है कि उत्तर कोरिया ने अपना रिएक्टर डिजाइन किया हो, जबकि रूस से कुछ तकनीकी सहायता मिली हो। एक अलग रिपोर्ट में केसीएनए ने कहा कि किम ने बुधवार को एक नई लंबी दूरी की एंटी-एयर मिसाइल के परीक्षण की निगरानी की, जो पूर्वी समुद्र की ओर दागी गई। 

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