British PM Keir Starmer India Visit: भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुंबई में मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों की नींव में लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते से रोजगार बढ़ेंगे। दोनों नेताओं के बीच विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई। पीएम मोदी और स्टार्मर सीईओ फोरम समेत ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भी भाग लेंगे।
क्या बोले पीएम मोदी?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक संयुक्त वक्तव्य में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस समझौते (व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते) से दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, व्यापार बढ़ेगा और इससे हमारे उद्योगों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही महीनों के भीतर आपकी भारत यात्रा, जिसमें आपके साथ अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल आया है, भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नए जोश का प्रतीक है।" पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस साल जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।"
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक संयुक्त बयान में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और ब्रिटेन के बीच कल व्यावसायिक नेताओं का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन हुआ। आज, हम इंडिया-यूके सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित करेंगे। इन सब से भारत-यूके सहयोग को और मजबूत करने के सुझाव और संभावनाएं सामने आएंगी।"
'बना रहे हैं भविष्य पर केंद्रित साझेदारी'
प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक संयुक्त वक्तव्य में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, जुलाई में ब्रिटेन में आपकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात थी और कुछ ही महीनों बाद यह वापसी यात्रा करने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। हम यहां कुछ निर्माण कर रहे हैं, हम भविष्य पर केंद्रित एक नई आधुनिक साझेदारी बना रहे हैं और अवसरों का लाभ उठा रहे हैं और हम यह सब मिलकर कर रहे हैं। इसीलिए हमने जुलाई में ब्रिटेन-भारत व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) किया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वर्षों की मेहनत, टैरिफ में कटौती, एक-दूसरे के बाजारों तक पहुंच बढ़ाकर विकास को गति देना और हमारे लोगों के लिए रोजगार सृजित करना तथा दोनों देशों में जीवन को बेहतर बनाना। समझौते के पृष्ठ पर लिखे शब्दों से परे, इसने हमारे दो महान देशों को और भी अधिक निकटता से मिलकर काम करने के लिए जो विश्वास दिया है, वह हमने इस यात्रा के दौरान देखा है।"
भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत होगी साझेदारी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता का माहौल है। इस वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत साझेदारी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इससे पहले बुधवार को पीएम स्टार्मर कहा था कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के तहत मिलने वाले अवसर अद्वितीय हैं। स्टार्मर ब्रिटेन के व्यापार जगत के शीर्ष नेताओं, उद्यमियों और विश्वविद्यालय के कुलपतियों समेत 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं।
ब्रिटेन-भारत के बीच हुआ है बड़ा व्यापार समझौता
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने जुलाई में भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता किया था, जो किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे अच्छा समझौता है लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह विकास का एक ‘लॉन्चपैड’ है। भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और उसके साथ व्यापार तेज एवं सस्ता होने वाला है तो ऐसे में जो अवसर पैदा होने वाले हैं, वो अद्वितीय हैं। स्टार्मर ने कहा कि भारत में विकास का मतलब ब्रिटिश लोगों के लिए देश में अधिक विकल्प, स्थिरता और रोजगार है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से ढाई महीने पहले दोनों देशों ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
'और मजबूत होंगे ब्रिटेन-भारत संबंध'
स्टार्मर और पीएम मोदी के बीच वार्ता को लेकर ब्रिटिश विज्ञप्ति में कहा गया है कि ब्रिटेन-भारत संबंध और मजबूत होंगे। दोनों नेता कृत्रिम बुद्धिमत्ता, दूरसंचार और रक्षा प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का लक्ष्य रखेंगे ताकि व्यवसायों के लिए निवेश और विकास के नए अवसर पैदा किए जा सकें। विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत तेजी से दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी खिलाड़ियों में से एक बन रहा है और 2030 तक प्रौद्योगिकी क्षेत्र का मूल्य एक लाख करोड़ पाउंड होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें:
नोबेल शांति पुरस्कार पाने के लिए तड़प रहे हैं ट्रंप, अब व्हाइट हाउस ने बता दिया 'द पीस प्रेसिडेंट'