Sunday, April 28, 2024
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वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा के 13 अरब वर्ष पहले के शुरुआती तारों के समूह का लगाया पता, बताई ये दिलचस्प बात

वैज्ञानिकों ने आकाश गंगा में तारों के सबसे पुराने समूह का पता लगाकर सबको हैरान कर दिया है। खगोलविदों के अनुसार आकाशगंगा छोटी मंदाकिनियों के विलय से बनी, जिससे तारों के बड़े समूहों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ये तारे 13 अरब वर्ष पुराने हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: March 22, 2024 20:50 IST
आकाश गंगा।- India TV Hindi
Image Source : AP आकाश गंगा।

नई दिल्लीः खगोलविदों ने ब्रह्मांड की पहली मंदाकिनी के बनने की शुरुआत के समय यानी 12-13 अरब वर्ष पहले की हमारी आकाशगंगा के शुरुआती तारों के समूहों का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने तारों के इस समूह को ‘शक्ति’ एवं ‘शिव’ नाम दिया है। एक नए अनुसंधान से यह जानकारी मिली है। खगोल वैज्ञानिकों ने कहा कि अनुसंधान के निष्कर्ष से पता चलता है कि तारों के ये शुरुआती समूह आज के समय के बड़े शहरों के आकार के समान थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि आकाशगंगा छोटी मंदाकिनियों के विलय से बनी, जिससे तारों के बड़े समूहों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

उन्होंने बताया कि जब मंदाकिनियों के बीच टक्कर हुई और वे आपस में मिल गईं, तो ज्यादातर तारों ने बहुत बुनियादी विशेषताएं बनाए रखीं और इसका सीधे तौर पर उनकी मूल मंदाकिनी की गति एवं दिशा से संबंध है। ‘एस्ट्रोफिजिकल’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी, जर्मनी की अनुसंधान टीम ने अपने विश्लेषण में पाया कि विलय करने वाली मंदाकिनियों के तारे ऊर्जा और कोणीय वेग के दो विशेष बिंदुओं के इर्द-गिर्द एकत्र थे। इस तरह, तारों के दो अलग समूहों-- ‘शक्ति’ और ‘शिव’ का निर्माण हुआ।

संरचनाओं को दिया शक्ति और शिव का नाम

अध्ययन की सह-लेखिका ख्याति मल्हान ने इन दो संरचनाओं को ‘शक्ति’ और ‘शिव’ नाम दिया। वैज्ञानिकों ने पाया कि एक समान तारे ‘शक्ति’ और ‘शिव’ का निर्माण करते हैं तथा दो विभिन्न मंदाकिनियों से आते हैं। उनकी कोणीय गति आकाशगंगा के बीच स्थित तारों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि इन सभी तारों में धातु की मात्रा कम है जिससे संकेत मिलता है कि वे काफी समय पहले निर्मित हुए होंगे जबकि हाल में निर्मित तारों में भारी धातु के तत्व अधिक होते हैं। अध्ययन के सह-लेखक हैंस-वाल्टर रिक्स ‘शक्ति’ और ‘शिव’ आकाशगंगा के बीचोंबीच जुड़ने वाले तारों के दो प्रथम समूह रहे होंगे। खगोलविदों ने अपने विश्लेषण के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक उपग्रह द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का उपयोग किया।(भाषा)

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