Wednesday, May 08, 2024
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रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने निकाल दी UNSC की हवा, अब तक मुद्दे का हल नहीं निकलने पर किया सीधा वार

रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने के लिए अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। ऐसे में युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। यूएनएससी को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाने पर भारत ने उसकी जमकर आलोचना की है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 22, 2023 14:39 IST
भारत के विदेश सचिव, संजय वर्मा।- India TV Hindi
Image Source : AP भारत के विदेश सचिव, संजय वर्मा।

रूस-यूक्रेन युद्ध का 18 माह बाद भी कोई समाधान नहीं निकाले जाने पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा को आड़े हाथों लिया है। इस समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं निकाल पाने पर यूएनएससी की भारत ने जमकर आलोचना की है। अब तक यूक्रेन युद्ध जारी रहने के मद्देनजर भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सवाल करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र की मुख्य इकाई- सुरक्षा परिषद यूक्रेन संकट को सुलझाने में क्यों पूरी तरह निष्प्रभावी रही, जबकि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने ‘प्रभावी बहुपक्षवाद के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को कायम रखना: यूक्रेन की शांति और सुरक्षा बनाए रखना’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बृहस्पतिवार को खुली चर्चा के दौरान कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समय कुछ देर रुककर दो अहम प्रश्न पूछने चाहिए। वर्मा ने कहा, ‘‘पहला सवाल यह है कि क्या हम किसी ऐसे संभावित समाधान के निकट हैं, जो स्वीकार्य हो?’’ उन्होंने कहा, ‘‘और यदि ऐसा नहीं है, तो फिर ऐसा क्यों है कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, खासकर उसकी मुख्य इकाई -संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जारी संघर्ष का समाधान करने में पूरी तरह निष्प्रभावी रही, जबकि इसकी मुख्य जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बरकरार रखना है।

भारत ने यूएनएससी में अनिवार्य सुधार की जरूरत बताई

भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को यूएनएससी के सदस्यों द्वारा अब तक कोई हल नहीं निकाले जाने पर कहा कि इसीलिए इसके विस्तार की जरूरत है। संजय वर्मा ने कहा कि बहुपक्षवाद को प्रभावी बनाने के लिए पुरानी संरचनाओं में सुधार और पुनर्निमाण की आवश्यकता है, ‘‘अन्यथा उनकी विश्वसनीयता कम होती रहेगी और जब तक हम इस प्रणालीगत दोष को ठीक नहीं कर लेते, हम कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे।’’ यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को परिषद को संबोधित किया था। उन्होंने 15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद को पहली बार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर संबोधित किया। वर्मा ने यूक्रेन में मौजूदा हालात को लेकर भारत की चिंता दोहराई और कहा कि नई दिल्ली ने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर किसी समाधान तक नहीं पहुंचा जा सकता।

भारत ने बातचीत और कूटनीति पर लौटने का किया आह्वान

वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस विचार को रेखांकित किया कि ‘‘यह युद्ध का समय नहीं है’’, बल्कि यह विकास एवं सहयोग का समय है। उन्होंने कहा कि शत्रुता बढ़ाने एवं हिंसा करने से किसी का हित नहीं होगा। वर्मा ने कहा, ‘‘हमने अपील की है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति के मार्ग पर तत्काल वापसी के सभी प्रयास किए जाएं।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वार्ता मतभेदों एवं विवादों का एकमात्र समाधान है, भले ही इस समय यह काम कितना भी दुष्कर क्यों न लगे। उन्होंने कहा, ‘‘शांति के मार्ग के लिए हमें कूटनीति के सभी माध्यम खुले रखने होंगे।’’ वर्मा ने कहा कि वार्ता एवं संवाद की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों को उठाने से बचा जाना चाहिए। भारत ने इस बात पर खेद जताया कि इस युद्ध के कारण भोजन, ईंधन और उर्वरकों की कीमत बढ़ रही है, व्यापक पैमाने पर दुनिया प्रभावित हो रही है और खासकर ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। (भाषा)

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