US Secrets Of Aliens And UFOs: एरिया 51 के लेकर अमेरिका में हमेशा से रहस्य बना रहा है। यह कैसा है? अमेरिकी सेना यहां क्या करती है? इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। लेकिन, अब जो रिपोर्ट सामने आई है वो हैरान करने वाली है। अमेरिकी सेना ने दशकों तक अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं (UFO) के बारे में जनता और यहां तक कि अपने कर्मियों को भी गुमराह किया है। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब यूएफओ के मुद्दे ने हाल के वर्षों में दुनिया भर में काफी दिलचस्पी पैदा की है।
अमेरिकी सेना ने किया गुमराह
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग (DOD) के ऑल-डोमेन एनोमली रेजोल्यूशन ऑफिस ने पाया है कि अमेरिकी सेना ने गुप्त परियोजनाओं को छिपाने के लिए यूएफओ के मिथकों का जाल बुना है। अमेरिकी सेना ने जनता, अपने कर्मियों और यहां तक कि अधिकारियों को गुमराह किया। हाल के वर्षों में, यूएफओ के बारे में कई कहानियों ने ध्यान आकर्षित किया है लेकिन, अब इनसे पर्दा उठ गया है।

अमेरिकी सेना ने गढ़ी कहानियां
जर्नल ने बताया है कि यूएफओ के बारे में कई लोकप्रिय कहानियां दशकों में गढ़ी गई हैं। अमेरिकी सेना द्वारा शीर्ष गुप्त सैन्य कार्यक्रमों को गुप्त रखने के लिए ऐसी कहानियां गढ़ी गई थीं। उदाहरण के लिए, 1980 के दशक में, एक अमेरिकी वायु सेना के अधिकारी ने एरिया 51 बेस के पास एक पब-मालिक को उड़न तश्तरियों की कुछ तस्वीरें दीं। इससे एरिया 51 में एलियन यूएफओ के बारे में लोगों में एक तरह की धारणा विकसित हुई। वास्तव में ये तस्वीरें नकली थीं। लेकिन, अमेरिका सेना ने ऐसा इस वजह से किया था कि ताकि यह तथ्य छिपाया जा सके कि अमेरिकी सरकार एरिया 51 में गुप्त लड़ाकू विमान विकसित कर रही है।
जानें सच क्या था?
एलियन यूएफओ को लेकर इस तरह की धारणा बन गई कि जब भी कोई व्यक्ति क्षेत्र में इलाके में अजीब विमान या घटना देखता था, तो उसे एलियन का प्रभाव विमान मान लिया जाता था। कोई इसे अफवाह बताकर खारिज कर देता तो कई इससे प्रभावित होते। लेकिन, सच ये था कि वो एलियन यूएफओ नहीं बल्कि स्टील्थ लड़ाकू विमान थे, जिन्हें अमेरिका विकसित कर रहा था।

बुना गया झूठ का जाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई सैनिकों और अधिकारियों को बताया गया कि वो एलियंस से जुड़ी परियोजनाओं का हिस्सा हैं। उनसे इसे गुप्त रखने को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर तक करवाए गए। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार के भीतर भी कई लोगों को लगा कि वो एलियन से जुड़े कार्यक्रमों में काम कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं था। यह सब एक झूठा दिखावा था।
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रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने यहां एक गोपनीय परमाणु मिसाइल का परीक्षण भी किया था। वरिष्ठ नेतृत्व ने बेस पर तैनात कर्मियों को इस परीक्षण के बारे में कभी नहीं बताया। इसका मतलब यह हुआ कि बेस पर तैनात कर्मियों को यह गलत धारणा हो गई कि उनका बेस एलियन हमले की चपेट में आ गया है। आज भी कई लोग ऐसे हैं जो इस बात पर भरोसा करते हैं कि एरिया 51 एलियन गतिविधियों का केंद्र रहा है।
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