
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने का काम बड़े स्तर पर जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार इस मुद्दे को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर रखा है कि वह सभी अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालेंगे। इसी क्रम में ट्रंप के एक और कदम की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल, वेनेजुएला के एक गिरोह के 200 से अधिक कथित सदस्यों को अमेरिका से डिपोर्ट कर के अल साल्वाडोर देश में भेज दिया गया है। इन लोगों को यहां उच्च सुरक्षा वाली जेल में ले जाया गया है। अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने खुद इस बात की जानकारी दी है।
अमेरिका शुल्क देगा
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बताया कि वेनेजुएला के आपराधिक संगठन, ट्रेन डी अरागुआ के पहले बैच के 238 सदस्य अल साल्वाडोर आ गए हैं। इन सभी को एक साल के समय के लिए आतंकवाद कारावास केंद्र, सीईसीओटी में ट्रांसफर कर दिया गया है। नायब बुकेले ने कहा कि अमेरिका इसके लिए काफी कम पैसे का भुगतान करेगा, लेकिन हमारे लिए यह काफी ज्यादा है।
कैदी करेंगे प्रोडक्शन का काम
अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बताया है कि सरकार जीरो आइडलनेस कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत 40,000 से अधिक कैदियों की मदद से देश की जेलों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अमेरिका से भेजे गए कैदियों को भी इनके साथ ही प्रोडक्शन में लगाया जाएगा। इन जेलों की लागत $200 मिलियन प्रति वर्ष है।
MS-13 के 23 सदस्यों को भी भेजा
अमेरिका ने अल साल्वाडोर द्वारा वांछित MS-13 के 23 सदस्यों को भी भेजा है। इसमें दो सरगना शामिल हैं जो कि आपराधिक संगठन के हाई लेवल का सदस्य है। अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि इसकी मदद से खुफिया जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी और एमएस-13 के अंतिम बचे हुए जड़ों को पकड़ने में मदद मिलेगी। इनमें इसके पूर्व और नए सदस्य, पैसा, हथियार, ड्रग्स, ठिकाने, सहयोगी और प्रायोजक शामिल हैं।
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