पटना: बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। बिहार सरकार ने इन शिक्षकों की मांगे मान ली हैं। जिसके बाद अब ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। ये जानकारी खुद शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दी है। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन सक्षमता परीक्षा की मांग सरकार ने मान ली है। हमने आंदोलन कर रहे नियोजित शिक्षकों को धैर्य रखने को कहा था। बता दें कि विजय चौधरी ने कहा था कि सरकार ख्याल रखेगी, कुछ संगठनों ने आंदोलन को स्थगित भी किया।
ऑनलाइन एग्जाम नहीं देना पड़ेगा
मंत्री ने आज कहा कि उनकी जो कठिनाईयां थी, उसमें मुख्य रूप से सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन होने की बात थी, बहुत शिक्षकों को ऑनलाइन एग्जाम देने में दिक्क़त थी, उनकी ऑफलाइन यानी लिखित परीक्षा की मांग थी। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हम लोग ये निर्णय ले रहे हैं कि जो शिक्षक ऑनलाइन एग्जाम नहीं देना चाहते हैं उनका ख्याल रखते हुए, अभी जो 3 ऑनलाइन परीक्षा हो रही है, इसके अलावा दो ऑफलाइन परीक्षा भी लेंगे। इस तरह 5 अवसर उपलब्ध होंगे। हम शिक्षकों से अपील करते हैं कि आप अध्यापन में रुचि लें। विश्वास मत के दिन सदन में देर से पहुंचे जेडीयू के विधायकों से बात की जाएगी, यदि संतोषजनक जवाब होगा तो उसी अनुसार आगे निर्णय लिए जाएंगे।
करीब 4 लाख शिक्षक
जानकारी दे दें कि नियोजित शिक्षकों ने पहले बताया था कि वे पहले से ही शिक्षक पात्रता/दक्षता परीक्षा पास हैं। ऐसे में सक्षमता परीक्षा का कोई सवाल ही नहीं होना चाहिए। सरकार इस परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की कम करना चाहती है। गौरतलब है कि अभी बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब 4 लाख है।
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