Friday, April 19, 2024
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सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर बनाए जाने की मांग, जेडीयू-बीजेपी के नेता आपस में भिड़े

जदयू नेता विजेंद्र यादव ने कहा अयोध्या में मंदिर का नाम राम मंदिर दिया जा रहा है, जबकि उसका नाम सीता राम होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया, तो उनका दायित्व बनता है कि बिहार में माता सीता के मंदिर का निर्माण कराए।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: November 26, 2022 14:52 IST
बिहार के प्रमुख राजनीतिक पार्टियों का झंडा- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बिहार के प्रमुख राजनीतिक पार्टियों का झंडा

बिहार में मंदिर के नाम पर सियासत कोई नई बात नहीं है। इसी क्रम में अब मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुरौना धाम में भव्य मंदिर बनाने को लेकर बीजेपी और जेडीयू में बयानबाजी शुरू हो गई है। जेडीयू ने अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की तरह बिहार में भी सीता माता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर बनाए जाने की मांग की है।

बिहार के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में बीजेपी नेता बढ़-चढ़कर शामिल हुए, उसी तरह माता सीता के मंदिर के लिए पहल क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर का नाम राम मंदिर दिया जा रहा है, जबकि उसका नाम सीता राम होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया, तो उनका दायित्व बनता है कि बिहार में माता सीता के मंदिर का निर्माण कराए। यह महिलाओं के प्रति अपमान का सवाल है। जेडीयू मंत्री ने आगे कहा कि यह बिहार और मिथिलांचल की उपेक्षा है। 

'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद माता सीता के घर गए थे'

उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कितनी बार वह जनकपुर गए और माता सीता के मंदिर में गए? जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद माता सीता के घर गए थे। बीजेपी की सरकार ने राम जानकी हाईवे बनवाया और साथ ही अब अयोध्या से जनकपुर तक ग्रीन फोरलेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है।

'सीता-मंदिर नाम देने की बात कर नया विवाद क्यों पैदा करना चाहते हैं?'

बीजेपी के नेता और सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां पहले श्रीराम का मंदिर था, यह बात जब पुरातात्विक प्रमाणों से अदालत में सिद्ध की जा चुकी है, तब बिहार सरकार के एक मंत्री उसे सीता-मंदिर नाम देने की बात कर नया विवाद क्यों पैदा करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं के हैं, बीजेपी या किसी राजनीतिक दल का नहीं, लेकिन मंत्री इस पर राजनीति कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि श्रीराम, देवी सीता और रामायण संस्कृति का सम्मान करना केवल बजेपी का दायित्व नहीं है, लेकिन मंत्री के बयान से लगता है कि सीता-राम से जेडीयू और महागठबंधन सरकार का कोई वास्ता नहीं है।

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