Wednesday, December 24, 2025
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छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, गृहमंत्री अमित शाह बोले- 'अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सलमुक्त'

अमित शाह ने बताया कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भी नक्सलियों ने सरेंडर किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सलमुक्त हो चुके हैं।

Edited By: Shakti Singh
Published : Oct 16, 2025 04:11 pm IST, Updated : Oct 16, 2025 04:40 pm IST
Naxalites Surrender- India TV Hindi
Image Source : PTI गढ़चिरौली में नक्सलियों का सरेंडर

छत्तीसगढ़ में गुरुवार (16 अक्टूबर) को 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सलमुक्त हो गए। गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि बुधवार को महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ में 27 ने हथियार डाल दिए थे। पिछले दो दिनों में कुल मिलाकर 258 युद्ध-प्रशिक्षित वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।

गृहमंत्री शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, "नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक ऐतिहासिक दिन। आज छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। कल राज्य में 27 ने हथियार डाल दिए थे। महाराष्ट्र में कल 61 नक्सली मुख्यधारा में लौट आए। पिछले दो दिनों में कुल मिलाकर 258 युद्ध-प्रशिक्षित वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का त्याग किया है। मैं भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए हिंसा का त्याग करने के उनके निर्णय की सराहना करता हूं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस समस्या को समाप्त करने के अथक प्रयासों के कारण नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।"

आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत

अमित शाह ने लिखा, "हमारी नीति स्पष्ट है। जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है और जो लोग बंदूक चलाना जारी रखेंगे, उन्हें हमारी सेना के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। मैं उन लोगों से फिर से अपील करता हूं जो अभी भी नक्सलवाद के रास्ते पर हैं कि वे अपने हथियार डाल दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर नक्सलमुक्त

अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी आतंकवादियों के गढ़ थे, आज नक्सली आतंक से मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब दक्षिणी बस्तर में नक्सलवाद का नामोनिशान बचा है, जिसे हमारे सुरक्षा बल जल्द ही मिटा देंगे। गृहमंत्री ने लिखा, "जनवरी 2024 से, छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद, 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।"

तीन जिलों में सिमटा नक्सलवाद

गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की संख्या घटकर तीन रह गई है। छत्तीसगढ़ में केवल बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर ही वामपंथी उग्रवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं। मंत्रालय ने कहा, "नक्सल-मुक्त भारत के निर्माण के मोदी सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी सफलता के तहत नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों की संख्या छह से घटकर तीन रह गई है।" वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की श्रेणी में भी यह संख्या 18 से घटकर केवल 11 रह गई है। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इन 11 जिलों में बीजापुर, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, कांकेर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, नारायणपुर और सुकमा (सभी छत्तीसगढ़), पश्चिमी सिंहभूम (झारखंड), बालाघाट (मध्य प्रदेश), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और कंधमाल (ओडिशा) शामिल हैं। अलग-अलग अभियानों में 312 वामपंथी उग्रवादी कैडरों को मार गिराया गया, जिनमें भाकपा (माओवादी) महासचिव और आठ अन्य पोलित ब्यूरो/केंद्रीय समिति के सदस्य शामिल थे। मंत्रालय ने कहा कि 836 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 1,639 आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो गए। अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या बढ़कर 1809 हो चुकी है।

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