Monday, April 29, 2024
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बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, जानिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने क्या दिया रिएक्शन?

सुप्रीम कोर्ट में ​बिलकिस बानो की पुनरीक्षण याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज की गई है। इस पर दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि 'यदि शीर्ष अदालत में भी न्याय नहीं मिलेगा, तो लोग कहां जाएंगे।'

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: December 17, 2022 13:59 IST
Swati Maliwal- India TV Hindi
Image Source : FILE Swati Maliwal

नई दिल्ली: बिलकिस बानो की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। इस याचिका में बिलकिस बानो ने 2002 में उनके साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों की जल्द रिहाई को चुनौती दी गई थी। इस पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल का बयान आया है। उन्होंने इस मामले पर अपना रिएक्शन दिया है। 

स्वाति मालीवाल ने बिल्कीस बानो की पुनरीक्षण याचिका उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद शनिवार को सवाल किया कि यदि लोगों को शीर्ष अदालत से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो वे कहां जाएंगे। बानो 2002 में गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। न्यायालय ने बानो की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने की अर्जी पर गुजरात सरकार से विचार करने के लिए कहने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया था।

मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने बिल्कीस बानो की याचिका खारिज कर दी। बिल्कीस बानो के साथ 21 साल की उम्र में सामूहिक बलात्कार किया गया था, उनके तीन साल के बेटे और परिवार के छह अन्य लोगों का कत्ल कर दिया गया था, पर गुजरात सरकार ने सभी बलात्कारियों को आजाद कर दिया। अगर उच्चतम न्यायालय से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो लोग कहां जाएंगे?’ 

पुनरीक्षण याचिका 13 दिसंबर 2022 को हुई थी खारिज 

प्रक्रिया के अनुसार, शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं। कक्ष में विचार करने के लिए यह याचिका 13 दिसंबर को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ के समक्ष आई थी। शीर्ष अदालत के सहायक पंजीयक द्वारा बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे गए संदेश में कहा गया है, ‘मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि उच्चतम न्यायालय में दायर उक्त पुनरीक्षण याचिका 13 दिसंबर 2022 को खारिज कर दी गई है।’

11 दोषियों को 15 अगस्त को कर दिया गया था रिहा 

बानो ने एक दोषी की याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा 13 मई को सुनाए गए आदेश की समीक्षा किए जाने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय से पूर्व रिहाई की मांग वाली याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों की सजा माफ करते हुए उन्हें 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।

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