Thursday, May 09, 2024
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दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चे बनेंगे बिजनेस ब्लास्टर्स, जानिए क्या है प्लान

मनीष सिसोदिया ने बताया कि कई बच्चे जो इस साल 12वीं क्लास में हैं और पिछले साल भी बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का हिस्सा थे, पिछले साल जब वे अपना आइडिया किसी के समक्ष रख रहे थे, तो उनमें आत्मविश्वास की कमी दिखती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Published on: December 12, 2022 19:36 IST
manish sisodia- India TV Hindi
Image Source : PTI मनीष सिसोदिया

दिल्ली सरकार के स्कूलों में शुरू किए गए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम ने अपने पहले साल में शानदार उपलब्धियां हासिल कीं। अब दूसरे साल में भी सरकारी के स्कूलों के बच्चे अपने शानदार बिजनेस आइडियाज के दम पर बडिंग इंटरप्रेन्योर बनने की शुरुआत कर चुके हैं। बिजनेस ब्लास्टर्स दिल्ली सरकार के 'इंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम' का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसे इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों द्वारा भी अपनाया जा रहा है। इसके तहत सरकार द्वारा छात्रों को 2000 रुपये प्रति छात्र के सीड मनी देकर उन्हें अपने स्टार्ट-अप्स को शुरू करने का वास्तविक अनुभव प्रदान किया जाता है।

बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के क्रियान्वयन और छात्रों के बिजनेस आइडियाज को जानने के लिए सोमवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सर्वोदय विद्यालय का दौरा किया। स्कूल विजिट के दौरान स्टूडेंट्स ने उपमुख्यमंत्री के सामने अपने अनोखे बिजनेस आइडिया प्रस्तुत किए, जैसे छोटे व्यवसायों के लिए विज्ञापन, कस्टमाइज्ड डिजाइनर ड्रेस, घर के लिए सजावटी सामान, कैटरिंग, आर्टिफीसियल ज्वेलरी आदि।

इसी से आने वाले समय में नई नौकरियां पैदा होंगी

उपमुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए स्टूडेंट्स ने बताया कि बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम से उनमें टीम में काम करने, प्लानिंग करने, रिस्क लेने जैसे क्षमताओं का विकास हुआ है। साथ ही उनमें लीडरशिप क्वालिटी, नए आइडिया के लिए ब्रेन स्टोर्मिग करने, टाइम मैनेजमेंट करने, अपने प्रोडक्ट को लेकर लोगों को कन्विंस करने, अपने आईडिया को और बेहतर बनाने के लिए मार्केट रिसर्च करने जैसी समझ भी आई है।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने बच्चों से चर्चा करते हुए कहा, "बच्चों की मानसिकता में स्कूली स्तर से ही यह भाव आना जरूरी है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब सीकर नहीं, जॉब प्रोवाइडर बनेंगे और ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जो इस समय अस्तित्व में नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हमारे स्कूलों के बच्चों का अपने करियर को लेकर एप्रोच बदला है। वे अब अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देख रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ नए प्रयोग करने के लिए बेताब है, इनकी इस बेताबी को दिल्ली सरकार सपोर्ट करेगी, इसी से आने वाले समय की नई नौकरियां पैदा होंगी।"

अब बच्चों में आत्मविश्वास है

उन्होंने बताया कि कई बच्चे जो इस साल 12वीं क्लास में हैं और पिछले साल भी बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का हिस्सा थे, पिछले साल जब वे अपना आइडिया किसी के समक्ष रख रहे थे, तो उनमें आत्मविश्वास की कमी दिखती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। अब वे बिना हिचकिचाएं अपने बिजनेस आइडियाज प्रोडक्ट्स मार्केट में भेज रहे हैं, क्योंकि उन्हें मार्केटिंग, फाइनेंस आदि का प्रोसेस अब अच्छी तरह समझ आने लगा है।

चर्चा के दौरान सिसोदिया ने 11वीं-12वीं क्लास में छात्रों से ईएमसी क्लासेज व बिजनेस ब्लास्टर्स के विषय में पूछा, तो बच्चों ने बताया कि ईएमसी ने हमें जोखिम उठाते हुए कुछ नया करने-सीखने की प्रेरणा दी है। उन्होंने साझा किया कि बिजनेस ब्लास्टर्स से हर चीज को लेकर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है, चाहे वो पढ़ाई हो या और कुछ काम। साथ ही, टीम में काम करना सीख रहे हैं और अपने कौशल के बारे में भी समझ बना रहे हैं।

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