दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों(NLU) के संघ को CLAT 2025 के परिणामों को संशोधित करने और चार सप्ताह(Week) के अंदर चयनित उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट पुनः प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डी.के.उपाध्याय और जज तुषार राव गेडेला की पीठ ने अभ्यर्थियों की कुछ आपत्तियों को स्वीकार कर लिया, जबकि कुछ को खारिज कर दिया। बता दें कि अदालत CLAT UG परिणाम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें CLAT UG उत्तर कुंजी 2025 में कथित त्रुटियों के कारण इसे रद्द करने की मांग की गई थी।
9 अप्रैल को हो गई थी सुनवाई पूरी
अदालत ने दिसंबर 2024 में परीक्षा में उपस्थित हुए याचिकाकर्ता कैंडिडेट्स और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी संघ (CNLU) के वकीलों की दलीलों पर 9 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर ली थी। साथी ही कोर्ट ने अपना आदेश भी सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने उन प्रश्नों पर दलीलें सुनीं जिन्हें याचिकाओं में चुनौती दी गई है। क्लैट पीजी 2025 में कुछ प्रश्नों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अभी सुनवाई होनी है।
क्लैट के जरिए देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में यूजी और पीजी लॉ पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर कर आरोप लगाया गया कि परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे। उच्चतम न्यायालय ने 6 फरवरी को इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं को "सुसंगत निर्णय" के लिए दिल्ली हाई कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनावाई शुरू करने के साथ कहा था कि अभ्यर्थियों के लिए "संदेह और चिंता" ठीक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा था कि वह परिणाम घोषित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहती है। पीठ ने कहा था कि लॉ यूजी प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित याचिकाओं पर शीघ्रता से विचार किया जाएगा तथा पीजी पाठ्यक्रम से संबंधित याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा। (With PTI Input)