
बॉलीवुड की क्वीन रहीं माधुरी दीक्षित की अदाओं की दीवानगी आज भी देखने को मिलती है। आज माधुरी दीक्षित अपना 58वां जन्मदिन मना रही हैं। इस जन्मदिन के खास मौके पर बॉलीवुड सितारों समेत फैन्स ने उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी है। माधुरी दीक्षित ने 1999 में श्रीराम नैने से शादी रचाई थी। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि माधुरी दीक्षित शादी से पहले अपने दूसरे रिश्तों को लेकर भी सुर्खियां बटोरती रही हैं। माधुरी का कथित तौर पर भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा के साथ भी रिलेशनशिप रहा था। हालांकि दोनों का प्यार मुकम्मल नहीं हो पाया। अगर दोनों का प्यार सफल रहता तो माधुरी आज भारतीय क्रिकेटर रहे अजय जडेजा की पत्नी होतीं और रॉयल परिवार की बहू होतीं।
1990 में खूब सुर्खियों में रही लवस्टोरी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बॉलीवुड की सदाबहार खूबसूरत अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा 1990 के दशक में पावर कपल थे। रिपोर्ट्स बताती हैं कि दोनों के बीच प्यार तब पनपा जब वे एक फोटो शूट के दौरान मिले थे। कथित तौर पर यह उस समय की बात है जब अजय बॉलीवुड में कदम रखने की कोशिश कर रहे थे और माधुरी ने निर्माताओं को उनका नाम सुझाकर उनकी मदद करने की भी कोशिश की थी। लेकिन जब अजय का नाम मैच फिक्सिंग विवाद में आया तो वे अलग हो गए। अजय के नवोदित क्रिकेट करियर ने उनके निजी जीवन को भी प्रभावित किया। माधुरी दीक्षित बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक हैं। अपने 35 साल से ज्यादा के करियर में माधुरी ने खलनायक, तेजाब, देवदास, हम आपके हैं कौन, दिल तो पागल है और दिल जैसी फिल्में दी हैं।
1999 में डॉक्टर नैने से रचाई थी शादी
माधुरी ने 1999 में डॉ. श्रीराम नेने से शादी की और अमेरिका चली गईं। इस जोड़े ने 2003 में अपने पहले बच्चे, बेटे अरिन का स्वागत किया और 2005 में उनके दूसरे बच्चे रयान का जन्म हुआ। दूसरी ओर अजय जडेजा 1990 के दशक के सबसे प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों में से एक थे। दिलचस्प बात यह है कि वे गुजरात के नवानगर राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। अपने समय में भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में से एक माने जाने वाले अजय ने मैदान पर अपने कारनामों से बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग बनाया। प्रशंसक आज भी पाकिस्तान के खिलाफ 1996 क्रिकेट विश्व कप क्वार्टर फाइनल में उनकी यादगार पारी को याद करते हैं। हालांकि मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मैच फिक्सिंग विवाद में फंसने के बाद अजय का करियर बाधित हुआ। पूरे प्रकरण में उनकी भूमिका के लिए उन्हें पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। जनवरी 2003 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आखिरकार उनके पांच साल के प्रतिबंध को हटा दिया।