Friday, May 03, 2024
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'पीएम फेस, सीटों का बंटवारा', आपस में ही तकरार, 2024 में I.N.D.I.A. की नैया कैसे होगी पार?

मंगलवार को विपक्षी गंठबंधन इंडिया की चौथी बैठक हुई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के प्रस्ताव पर मनमुटाव की खबरें सामने आईं। क्या इतना आसान है गठबंधन के लिए भाजपा को हराना? जानें-

Kajal Kumari Written By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: December 20, 2023 10:27 IST
india alliance meeting- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO इंडिया गठबंधन की बैठक

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब अब 2024 के लोकसभा चुनाव की धूम मची है। चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियां गठबंधन बनाने और सीट-बंटवारे में जुटी हैं तो वहीं सत्ता पर आसीन एनडीए विपक्ष को लोकसभा चुनाव में करारा जवाब देने के लिए तैयारी कर रहा हैं। विपक्षी गठबंधन जिसे इंडिया एलायंस नाम दिया गया है, इसकी चौथी बैठक मंगलवार को दिल्ली में हुई, जिसमें कुल 28 पार्टियां शामिल हुईं। सभी पार्टी के सदस्यों ने  अपनी-अपनी पार्टी की तरफ से अपने विचार साझा किए। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन इंडिया एलायंस का प्रधानमंत्री चेहरा बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किया।

बैठक के दौरान इंडिया गठबंधन के भीतर खरगे के बारे में पीएम रद के चेहरे पर व्यापक सहमति नहीं बनी। इस प्रस्ताव पर सफाई देते हुए एमडीएमके प्रमुख वाइको ने कहा, 'इंडिया' की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खरगे को गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया है लेकिन इसमें उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है।

रूठ कर चले गए लालू-नीतीश

वहीं, खरगे का नाम बैठक में लिए जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव इस सुझाव से नाखुश नजर आए। सूत्रों की मानें तो , दोनों नेता बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए और बैठक के बाद होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में भी शामिल नहीं हुए। बता दें कि मंगलवार को हुई बैठक से पहले, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के विधायकों, साथ ही राजद नेताओं ने सार्वजनिक रूप से यह मांग की थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए नीतीश कुमार को विपक्ष के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाए।

इस बीच, विपक्षी गठबंधन  में पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा, सीटों का बंटवारा कैसे होगा-इसपर अभी तक आम सहमति नहीं बना पाई है। 28 पार्टियों के इस होने वाले गठबंधन में पीएम पद का चेहरा और सीटों का बंटवारा कोई आसान काम नहीं है। इसे लेकर इंडिया एलायंस अब जल्द ही फैसला कर सकते हैं। वैसे मंगलवार को हुई बैठक में  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि "प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई भी फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा। खरगे  ने कहा, "हमें पहले सोचना होगा कि जीतने के लिए क्या करना है।  हम मिलकर बहुमत हासिल करने की कोशिश करेंगे।" 

इंडिया गठबंधन में कैसे होगी एकजुटता

28 विपक्षी पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन करने की पहल की और इस गठबंधन की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी, जिसका नेतृत्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। उस वक्त बैठक में विपक्ष की 15 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल नाखुश हो गए क्योंकि वह चाहते थे कि दिल्ली में नौकरशाहों पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो और कांग्रेस भी इसका समर्थन करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

गठबंधन की दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई, जिसमें  26 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया और इस गठबंधन को INDIA ( इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) नाम दिया गया।। इस बैटक में इंडिया गठबंधन नामकरण को लेकर नीतीश कुमार नारज हो गए और इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी।

इसके बाद इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को हूई जिसमें पांच समितियों का गठन किया, जिनमें अभियान समिति, समन्वय/रणनीति समिति, मीडिया, सोशल मीडिया और अनुसंधान समिति । इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीट-बंटवारे समझौते के लिए समयसीमा तय नहीं करने को लेकर नाराज हो गईं थीं।  

19 दिसंबर को दिल्ली में चौथी बैठक में सीट-बंटवारे, संयुक्त अभियान का खाका और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने की रणनीति बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा तो हुई लेकिन पीएम पद का चेहरा और सीट वंटवारो को लेकर कोई खास बात नहीं हो सकी। इस बैठक में भी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार नाराज हो गए। हालाांकि इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सीट-बंटवारे की बातचीत को अब ठंडे बस्ते में नहीं डाला जाएगा और साल के अंत तक राज्यों में सीट-बंटवारे पर कुछ सहमति बन जाएगी।

बहुत कठिन है डगर गठबंधऩ की?

विपक्षी गठबंधन में अबतक जहां पीएम चेहरे को लेकर खींचतान है तो वहीं सीटों का बंटवारा भी बड़ी चुनौती है। जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर तक गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर आम सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश होगी। लेकिन इससे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस, यूपी और एमपी में सपा-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान होने की पूरी संभावना है। कांग्रेस को राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों से तालमेल बैठाना होगा। कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना होगा। पांच राज्यों मे ंहुए विधानसभा चुनावों के रिजल्ट को देखते हुए कांग्रेस को धैर्य से काम लेना होगा। 

 

 

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