
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था। यह संघर्ष ना केवल इन दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। जंग के इस हालात को देखते हुए रूस ने तो अपनी परमाणु नीति तक में बदलाव कर दिया है। इस युद्ध में ब्रिटेन की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है क्योंकि उसने यूक्रेन को सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक समर्थन दिया है। ब्रिटेन का यह रुख ना केवल यूरोप बल्कि वैश्विक राजनीति पर प्रभाव डाल रहा है। आने वाले समय में ब्रिटेन की रणनीति और समर्थन इस युद्ध के परिणाम को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं।
यूक्रेन को मिलेगी बड़ी सैन्य सहायता
बात ताजा बने हालातों की करें तो ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर यूक्रेन को 14 हजार करोड़ रुपए की मदद देने की बात कही है जिससे यूक्रेन 5000 एयर डिफेंस मिसाइल खरीदेगा। स्टार्मर ने कहा कि ये मिसाइल ब्रिटेन के बेलफास्ट में बनाई जाएंगी, जिससे हमारे डिफेंस सेक्टर में नौकरियां बढ़ेंगी। इससे पहले उन्होंने जेलेंस्की को 24 हजार करोड़ रुपए का लोन देने की बात कही थी। ब्रिटिश पीएम ने ये बातें यूक्रेन जंग के मुद्दे पर यूरोपीय देशों की डिफेंस समिट के बाद कहीं। इस बैठक में 15 देशों के राष्ट्र प्रमुख, तुर्की के विदेश मंत्री, NATO के महासचिव, यूरोपीय संघ और यूरोपीय काउंसिल के प्रेसिडेंट शामिल हुए।
रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की योजना
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने चार सूत्रीय योजना की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य देश गठबंधन के तहत अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे और यूक्रेन के लिए अपने समर्थन में अमेरिका को शामिल करने का प्रयास करेंगे। स्टार्मर ने कहा है कि हम इतिहास के एक चौराहे पर हैं। शिखर सम्मेलन में अधिकतर नेता यूरोप से थे और उनमें यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी शामिल थे।
क्या है ब्रिटेन की चार सूत्रीय योजना
- शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए स्टार्मर ने कहा कि चार बिंदुओं पर सहमति बनी है।
- यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखना और रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाना।
- किसी भी स्थायी शांति के लिए यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए और यूक्रेन को किसी भी शांति वार्ता में उपस्थित होना चाहिए।
- शांति समझौते की स्थिति में किसी भी भावी आक्रमण को रोकने के लिए यूक्रेन की रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाना।
- यूक्रेन में समझौते की रक्षा करने और उसके बाद शांति की गारंटी देने के लिए इच्छुक लोगों का गठबंधन विकसित करना।
'कमजोर समझौता स्वीकार नहीं'
स्टार्मर ने कहा, ‘‘अमेरिका कई दशकों से ब्रिटेन का भरोसेमंद सहयोगी रहा है और आगे भी बना रहेगा। हमारे दोनों देशों के बीच जितने घनिष्ठ संबंध हैं, इतने किसी भी अन्य दो देशों के बीच आपस में नहीं हैं।’’ स्टार्मर ने कहा कि यूक्रेन में शांति के लिए वह जिस योजना पर काम कर रहे हैं, उसे अमेरिका का समर्थन मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हमें अतीत की गलतियों से सीखना होगा, हम एक कमजोर समझौते को स्वीकार नहीं कर सकते जिसे रूस आसानी से तोड़ सकता है, इसके बजाय किसी भी समझौते को मजबूती से समर्थित होना चाहिए।”
नरम पड़े जेलेंस्की के तेवर
ब्रिटेन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाए हैं जब हाल ही में व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई तीखी नोकझोंक हुई थी। हालांकि, इस नोकझोंक को बाद राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के तेवर नरम पड़े हैं। जेलेंस्की ने अमेरिका से कुछ गारंटी मांगी हैं और कहा है कि अगर अमेरिका वो गारंटी पूरी कर देता है तो जेलेंस्की अपना राष्ट्रपति पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं और मिनिरल डील भी करने के लिए तैयार हैं।
ब्रिटेन ने की है हरसंभव मदद
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, ब्रिटेन यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता प्रदान करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। उसने यूक्रेन को टैंक, मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियार मुहैया कराए हैं। 2023 में ब्रिटेन ने "चैलेंजर 2" टैंक और लंबी दूरी की मिसाइलें भेजने की घोषणा की थी। इसके अलावा, ब्रिटिश सेना यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षण भी दे रही है ताकि वो आधुनिक हथियारों का प्रभावी उपयोग कर सकें।
आर्थिक सहायता
ब्रिटेन ने यूक्रेन को आर्थिक सहायता देने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। युद्ध के कारण यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है, जिसे संभालने के लिए ब्रिटेन ने वित्तीय सहायता, ऋण और अनुदान प्रदान किए हैं। ब्रिटेन ने यूक्रेन की युद्धकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए करोड़ों पाउंड की सहायता दी है।
कूटनीतिक दबाव और प्रतिबंध
ब्रिटेन ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के तहत रूस की कई कंपनियों, बैंकों और व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त की गई हैं। ब्रिटिश सरकार ने रूसी तेल और गैस पर निर्भरता कम करने के लिए भी कदम उठाए हैं। इसके अलावा, ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यूक्रेन का समर्थन किया और रूस के खिलाफ विभिन्न प्रस्तावों का समर्थन किया है।
मानवीय सहायता
ब्रिटेन ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के नागरिकों को मानवीय सहायता भी प्रदान की है। इसमें भोजन, दवाइयां, आश्रय और अन्य जरूरी सामान शामिल हैं। साथ ही, ब्रिटेन ने यूक्रेन के शरणार्थियों को अपने देश में शरण देने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है।
पश्चिमी सहयोग और नाटो समर्थन
ब्रिटेन नाटो (NATO) का एक प्रमुख सदस्य है और उसने अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के साथ मिलकर यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान दिया है। ब्रिटेन ने नाटो को और अधिक सक्रिय बनाने में मदद की है और रूस के आक्रामक रुख का जवाब देने के लिए विभिन्न रक्षा उपायों का समर्थन किया।
यह देखना होगा दिलचस्प
वैसे देखने वाली बात यह भी है कि, यूक्रेन को सपोर्ट के मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन के कुछ देश सहमत नहीं हैं। स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको का कहना है कि वो यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य तौर पर मदद नहीं देंगे। यूक्रेन कभी भी सैन्य ताकत के दम पर रूस को बातचीत के टेबल पर नहीं ला पाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के बिना यूक्रेन और उसके सहयोगी कितने कदम आगे बढ़ पाएंगे।
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