मंझा हुआ अभिनय, दमदार पर्सनालिटी और हर रोल में फिट होने वाले अभिनेता संजीव कुमार ने अपने अभियन से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। संजीव कुमार ने सिनेमाजगत में 25 साल तक राज किया और हर किरदार में अपने अभिनय के अलग ही रंग से लोगों के दिलों में बस उतरते चले गए। संजीव कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री में वैसे तो कई रोल निभाए लेकिन जो किरदार लोगों की जुबान पर हमेशा जिंदा रहता है वो है फिल्म 'शोले' के ठाकुर का। 'शोले' में संजीव कुमार ने ठाकुर का किरदार निभाया था जो अपने बच्चों की मौत का बदला लेने के लिए गब्बर के खून का प्यासा था। इस फिल्म में संजीव ने अपने किरदार से ऐसी जान फूंक दी कि ये किरदार मानो बॉलीवुड में अमर ही हो गया। इस शानदार अभिनेता संजीव कुमार की 9 जुलाई को बर्थ एनिवर्सरी है। जानिए इनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनकहे किस्से।
संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को गुजरात में हुआ था। संजीव कुमार एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते थे। संजीव को बचपन से ही सिनेमा में दिलचस्पी थी और यही दिलचस्पी उन्हें रंगमंच तक खींच लाई। रंगमंच में मशरूफ संजीव ने 1960 को बॉलीवुड में 'हम हिंदुस्तानी' फिल्म से डेब्यू किया था।
'हम हिंदुस्तानी' फिल्म में संजीव काम तो मिला लेकिन इसकी मियाद चंद मिनट ही थी। संजीव की अदाकारी का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि अपने इस चंद मिनट के किरदार में उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बना ली। इसके बाद संजीव का सिनेमाजगत का सुहाना सफर शुरू हुआ और उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
संजीव कुमार को साल 1970 में रिलीज हुई फिल्म 'खिलौना' से जबरदस्त कामयाबी मिली थी। संजीव को 'कोशिश' फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे। इस फिल्म में इन्होंने दिव्यांग का रोल अदा किया था। संजीव कुमार की सुपरहिट फिल्मों में 'सीता और गीता', 'नमकीन', 'आप की कसम', 'आंधी' और 'मौसम' शामिल हैं।
जहां एक ओर सितारे अपने से अधिक उम्र के रोल करने के लिए हिचकिचाते थे तो वहीं संजीव ने इससे कभी भी मुंह नहीं मोड़ा। यहां तक कि ज्यादातर फिल्मों में वो कभी नायक तो कभी पिता के रोल नजर आए। फिल्म अभिनेत्रियों की बात की जाए तो इनकी जोड़ी बड़े पर्दे पर जया बच्चन के साथ काफी चर्चा में रही। खास बात तो ये है कि जया के साथ संजीव कभी उनके पति, कभी ससुर तो कभी भाई के रोल में भी नजर आए। 25 साल तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने के बाद संजीव कुमार का 6 नवंबर 1985 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया।
संपादक की पसंद