दूरदर्शन रामायण के प्रसारण का समापन होने के बाद उत्तर रामायण का प्रसारण शुरू हो चुका है, जिसमें लव कुश की कहानी दिखाई जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामानंद सागर रामायण के बाद उत्तर रामायण नहीं बनाने वाले थे, लेकिन पीएमओ के कॉल के बाद इसका निर्माण हुआ।
एक इंटरव्यू में रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने लव कुश कांड पर बने उत्तर रामायण का जिक्र करते हुए बताया कि उनके पिताजी रामानंद सागर रामजी के भक्त थे। जब उन्हें पता चला कि धोबी के कहने पर राम ने अपनी पत्नी सीता को रखने से इनकार कर दिया था क्योंकि वो लंका में रहकर आई रहकर आई थीं। रामानंद सागर ये बात मानने को तैयार नहीं थे कि रामजी इस कारण से कभी सीता जी का त्याग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वो लव कुश कांड नहीं बनाना चाहते हैं। उन्होंने दरदर्शन को भी लव कुश कांड बनाने से इनकार कर दिया।
पूरा देश आगे की कहानी देखना चाहता था, वाल्मिकी समाज ने इस बात को लेकर प्रोटेस्ट शुरू किया कि वो लव कुश की कहानी क्यों नहीं दिखा रहे। मामला संसद तक पहुंच गया , फिर रामानंद सागर के पास पीएमओ से कॉल आया इसके बाद रामानंद सागर आगे की कहानी दिखाने के लिए तैयार हुए।
रामानंद सागर ने चैनल से सीता वनवास एपिसोड में बदलाव करने की अनुमति मांगी., उन्होंने कहा कि राम भक्त के रूप में वे सीता के त्याग के पीछे यह धोबी वाली कहानी नहीं मान सकते हैं।
रामानंद सागर तुलसी दास की रामायण दिखा रहे थे, और तुलसी दास के राम चरित् मानस में लव कुश का जिक्र नहीं है, लेकिन वाल्मीकि की रामायण में लव कुश की कहानी है। इसके बाद लव कुश जब शुरू हुआ तो जैसे रामायण में शुरुआत में तुलसी जी को दिखाया गया था वैसे ही लवकुश की शुरुआत में वाल्मीकि को दिखाया गया था।
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