Wednesday, December 11, 2024
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गुजरात में पिछले 3 साल में 25,478 लोगों ने की आत्महत्या, राज्य सरकार की व्यवस्थागत विफलता: खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, गुजरात सरकार द्वारा राज्य में बढ़ती हुई आत्महत्या दरों पर प्रस्तुत आंकड़े बेहद परेशान करने वाले है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, 495 छात्रों सहित 25,478 व्यक्तियों ने दुखद रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Mar 01, 2024 20:11 IST, Updated : Mar 01, 2024 20:11 IST
mallikarjun kharge- India TV Hindi
Image Source : PTI मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरात में पिछले तीन वित्त वर्ष में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की है जो राज्य की भाजपा सरकार की व्यवस्थागत विफलता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की पारदर्शी जांच होनी चाहिए और उन मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए जो आत्महत्या जैसे कदम के कारण बनते हैं। खरगे ने एक बयान में कहा, ‘‘गुजरात सरकार द्वारा राज्य में बढ़ती हुई आत्महत्या दरों पर प्रस्तुत आंकड़े बेहद परेशान करने वाले है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य विधानसभा में प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, 495 छात्रों सहित 25,478 व्यक्तियों ने दुखद रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है।’’

दुखद घटनाओं के पीछे क्या वजह?

उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन दुखद घटनाओं के पीछे मुख्यतः मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित रोग, गंभीर शारीरिक बीमारियां, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षाओं में असफल होने जैसे कारण शामिल हैं। खरगे ने कहा, ‘‘यह गंभीर वास्तविकता गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की उन जटिल सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में विफलता को रेखांकित करती है, जिनसे हमारे नागरिक जूझ रहे हैं।’’

अकेले अहमदाबाद में 3,280 मामले

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के अहमदाबाद (3,280), सूरत (2,862) और राजकोट (1,287) जैसे प्रमुख शहरों में ऐसे मामलों की सघनता विशेष रूप से चिंताजनक है। अकेले अहमदाबाद में 3,280 मामले सामने आना इस संकट के मूल कारणों को संबोधित करने के लिए प्रभावी नीतियों को लागू करने में सरकार की विफलता को रेखांकित करता है।’’ खरगे का कहना है, ‘‘यह स्पष्ट है कि इन मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की तत्काल आवश्यकता है, जिस पर अभी तक सरकार का ध्यान बिलकुल नहीं गया है।’’ उनके मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ तो ‘सेमीकंडक्टर संयंत्रों’ को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन अपने ही गृह राज्य में इस गंभीर मानव त्रासदी पर पूरी तरह चुप है, देश को अगर सेमीकंडक्टर की आवश्यकता है तो बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय सहायता कार्यक्रमों और शैक्षणिक सहायता प्रणालियों की भी उतनी ही आवश्यकता है।’’

कांग्रेस ने की पारदर्शी जांच की मांग

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हेल्पलाइन सेवाओं की प्रभावशीलता का पूर्ण मूल्यांकन करने और जरूरतमंद लोगों को सुलभ मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता प्रदान करने में अधिक संसाधनों के निवेश करने की जरूरत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कांग्रेस इन आत्महत्याओं से जुड़ी परिस्थितियों की गहन और पारदर्शी जांच की भी मांग करती है।’’ खरगे ने कहा, ‘‘गुजरात में आत्महत्या की बढ़ती दर भाजपा सरकार की व्यवस्थागत विफलता को दर्शाती है। कांग्रेस, सरकार से अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और इस खतरनाक संकट में योगदान देने वाले अंतर्निहित मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल, ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करती है।’’ (भाषा)

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