Friday, May 03, 2024
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सूरत: विसर्जन के दौरान समुद्र में डूबा 13 साल का बच्चा 36 घंटे बाद जीवित मिला, गणेश प्रतिमा ने यूं बचाई जान

बेटे के शव की तलाश कर रहे पिता को पुलिस से जानकारी मिली कि लखन जीवित है तो उनके जीवन में एक नई ऊर्जा आ गई और आंसुओं के साथ उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। कहते है न जाको राखे साइयां मार सके न कोई इस कहावत को सच साबित करता हुआ यह किस्सा है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: October 02, 2023 19:46 IST
लखन मौत को मात देकर...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV लखन मौत को मात देकर जिंदा लौट आया

जाको राखे साइयां मार सके न कोई बाली कहावत गुजरात के सूरत में सच साबित हुई है। सूरत के डूमस तट पर शुक्रवार को समुद्र में डूबने के बाद लापता हुआ किशोर 36 घंटे बाद जीवित मिला है। पिछले शुक्रवार को सूरत में रहने वाला 13 साल का लखन देवीपुजक नाम का लड़का अपनी दादी और भाई बहन के साथ माताजी के दर्शन करने के बाद सूरत के डुमस के समुद्र तट पर गणेश विसर्जन देखने गए थे। जहां वह अपने भाई के साथ समुद्र में तैरने उतरा। इसी दौरान लखन और उसका भाई समुद्र में डूबने लगे।

पिता के चेहरे पर आंसुओं के साथ दौड़ी खुशी की लहर

हालांकि लखन के भाई को लोगों ने बचा लिया पर लखन समुद्र में लापता हो गया। खोजबीन के बावजूद लखन नहीं मिला। अगले दिन भी प्रशासन और परिवारजनों ने उसकी तलाश जारी रखी। तब परिवार को संदेश आया कि लखन को समुद्र में मछुवारों ने बचा लिया है। वहीं, बेटे के शव की तलाश कर रहे पिता को पुलिस से जानकारी मिली कि लखन जीवित है तो उनके जीवन में एक नई ऊर्जा आ गई और आंसुओं के साथ उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।

यूं बची लखन की जान
बताया जा रहा है कि करीब 8 मछुआरे नवदुर्गा नाम की नाव से समुद्र में मछली पकड़ रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि समुद्र के बीच में एक बच्चा लकड़ी के तख्त पर बैठा है और  हाथ उठाए मदद मांग रहा है। तब मछुआरे नाव लेकर इस बच्चे के पास पहुंचे। उसे नाव में बिठाया और उससे पूछताछ की। वह गणेश प्रतिमा के अवशेषों पर बैठा था जहां से उसे बचा लिया गया। 13 साल का बच्चा गणेशजी के लकड़ी के सहारे मौत को मात देकर जिंदा वापिस आया है।

इसके बाद फौरन मछुआरों ने बच्चे के मिलने की खबर प्रशासन को दी तो पता चला कि सूरत के डूमस समुद्र तट से जो बच्चा शुक्रवार दोपहर को डूब गया था और लापता हुआ था वो यही बच्चा है। बच्चा समंदर में जिस जगह पर मिला था वहां से समुद्र तट करीब 14 नोटीकल माइल दूर था। 12 घंटे बाद रविवार सुबह मछुआरे बच्चे को लेकर बिलीमोरा के पास धोलाई बंदर पहुंचे और पुलिस को सौंप दिया।

36 घंटे की मौत से जंग के बाद जिंदा आना चमत्कार से कम नहीं
डूमस के समुद्र में डूबने के बाद लापता हुए लखन को 36 घंटे बाद ढोलाई बंदर पर उतारा। इसके बाद नवसारी के अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी प्रारंभिक जांच की जहां वह स्वस्थ पाया गया। आईसीयू में 24 घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद में उसे परिवार को सौंप दिया गया। कहते है न जाको राखे साइयां मार सके न कोई इस कहावत को सच साबित करता हुआ यह किस्सा है। समुद्र में 36 घंटे की मौत के साथ जंग के बाद भी 13 वर्षीय लखन जिंदा वापस आ गया यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।

(रिपोर्ट- बुरहान मलिक)

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