कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने मंगलवार को 6 घंटे पूछताछ की। उन्हें ईडी ने बुधवार को फिर बुलाया है। उनसे गुरुग्राम के शिकोहपुर लैंड घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ हो रही है। इस पर हरियाणा के मंत्री महिपाल ढांडा का बयान आया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र एजेंसियां अपने इनपुट के आधार पर काम करती हैं और यह एजेंसियों का अधिकार है कि वे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू करें, यदि उनके पास उचित जानकारी हो।
"यह कांग्रेस की सरकार नहीं"
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं, इनके पास कुछ इनपुट होगा और उसी इनपुट के आधार पर ये एजेंसियां काम करती हैं। यह कांग्रेस की सरकार नहीं है जिसने इन एजेंसियों को पंगु बना रखा था।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब कांग्रेस पार्टी उन्हें कैसे प्रताड़ित करती थी, लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। अब बीजेपी सरकार पूरी निष्पक्षता के साथ काम कर रही है।"
"एजेंसियां स्वतंत्र हो गईं"
महिपाल ढांडा ने आगे कहा, "2004 से 2014 तक कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए घोटालों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे, बीजेपी भी सड़कों पर उतरी। हमनें कहा था कि इनकी ईडी और सीबीआई जांच होनी चाहिए, उन्होंने केस दर्ज किए और उन्हें लगा कि सत्ता उनका ही है और जैसा चाहेंगे वैसा फैसला करा लेंगे, लेकिन बीजेपी सरकार ने सत्ता में आकर एजेंसियों को स्वतंत्र कर दिया।"
इससे पहले 8 अप्रैल को वाड्रा से हुई थी पूछताछ
इससे पहले 8 अप्रैल को एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा को तलब किया था, लेकिन तब वह पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने 15 अप्रैल को पेश होने के लिए दूसरा समन जारी किया था। ED दफ्तर से निकलने के बाद वाड्रा ने इस पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि पहले भी ईडी ने उनसे घंटों पूछताछ की है, हजारों पन्ने शेयर किए हैं, लेकिन फिर भी एजेंसी उनके खिलाफ मामले उठा रही है।
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