Saturday, April 27, 2024
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देश के अस्पतालों को मिलेंगे 50000 ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स, पीएम केयर्स फंड से जारी हुए 2000 करोड़ रुपए

कोरोना संकट से जूझ रहे देश के अस्पतालों को जल्द ही 50000 वेंटिलेटर्स मिलेंगे। खासबात यह है कि ये सभी वेंटिलेटर्स ‘मेड इन इंडिया’ मेड इन इंडिया होंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 23, 2020 12:34 IST
50,000 Made in India ventillators under PM CARES Fund- India TV Hindi
Image Source : FILE 50,000 Made in India ventillators under PM CARES Fund

कोरोना संकट से जूझ रहे देश के अस्पतालों को जल्द ही 50000 वेंटिलेटर्स मिलेंगे। खासबात यह है कि ये सभी वेंटिलेटर्स ‘मेड इन इंडिया’ मेड इन इंडिया होंगे। कोरोना संकट के चलते देश में तैयार किए गए पीएम केयर्स फंड से इन 50000 वेंटिलेटर्स की सप्लाई के लिए 2000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह सप्लाई देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों में की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने विस्तापित श्रमिकों के लिए 1000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 

प्रधानमंत्री कार्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार 50000 वेंटिलेटर्स में से 30000 वेंटिलेटर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड करेगी। शेष 20000 वेंटिलेटर्स का निर्माण निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा। इसमें 10000 वेंटिलेटर AgVa हेल्थकेयर, 5650 वेंटिलेटर्स AMTZ बेसिक, 4000 वेंटिलेटर AMTZ हाई एंड तथा 350 वेंटिलेटर अलाइड मेडिकल करेगी। 

किस राज्य को कितने वेंटिलेटर

अभी तक इन कंपनियों ने 2923 वेंटिलेटर्स का निर्माण किया है। इनमें से 1340 वेंटिलेटर्स राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को भेजे जा चुके हैं। इसमें महराष्ट्र (275), दिल्ली (275), गुजरात (175), बिहार (100), कर्नाटक (90), राजस्थान (75) शामल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार जून के अंत तक अतिरिक्त 14000 वेंटिलेटर्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सप्लाई कर दिए जाएंगे। 

प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 करोड़ का आवंटन 

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार पीएम केयर्स फंड से प्रवासी श्रमिकों के लिए पहले ही 1000 करोड़ रुपए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया है। यह आवंटन 50% वेटेज 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या, 40% वेटेज कोरोना पॉजिटिव की संख्या, और 10 % सभी राज्यों में समान बंटवारे के फॉर्मूले पर आधारित है। राज्यों को यह सहायता प्रवासी मजदूरों के रहने, खानेपीने, इलाज और परिवहन के लिए प्रदान की गई है। इसके तहत राशि प्राप्त करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र(181 करोड़), उत्तर प्रदेश (103 करोड़), तमिलनाडु (83 करोड़), गुजरात(66 करोड़), दिल्ली (55 करोड़), पश्चिम बंगाल (53 करोड़), बिहार (51 करोड़), मध्य प्रदेश (50 करोड़), राजस्थान (50 करोड़) और कर्नाटक (34 करोड़) शामिल हैं। 

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