Thursday, May 09, 2024
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जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले का CCTV वीडियो, इमारत से निकली तेज रोशनी

इंडिया टीवी को जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन के उच्च सुरक्षा तकनीकी क्षेत्र में 26-27 जून की रात को हुए दो विस्फोटों की CCTV फुटेज मिली है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाई गई इमारत से रोशनी निकलती दिख रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 27, 2021 22:31 IST
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जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले का CCTV वीडियो, इमारत से निकली तेज रोशनी

जम्मू/नई दिल्ली: इंडिया टीवी को जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन के उच्च सुरक्षा तकनीकी क्षेत्र में 26-27 जून की रात को हुए दो विस्फोटों की CCTV फुटेज मिली है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाई गई इमारत से रोशनी निकलती दिख रही है। इससे पहले आपको CCTV फुटेज दिखाएं, पहले इस हमले के बारे में जान लीजिए। आतंकियों ने यह हमला ड्रोन से किया था। ड्रोन के इस्तेमाल से इमारत पर दो बम गिराये गए। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

अधिकारियों ने बताया कि पहला विस्फोट शनिवार की देर रात 1 बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ। उन्होंने बताया कि इस बम विस्फोट में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ जबकि दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। जम्मू- कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा, ‘‘वायु सेना स्टेशन पर हुआ हमला आतंकी हमला था।’’ 

उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियां हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए साथ मिलकर काम कर रही हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की आतंक रोधी जांच एजेंसी की एक टीम भी मौके पर पहुंच गयी है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह ड्रोन किधर से आया और जांच में जुटे अधिकारी दोनों ड्रोन के हवाई मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। 

अधिकारियों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने हवाई अड्डे की चारदीवारी पर लगे कैमरों सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाली ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से आए थे। अधिकारियों ने बताया कि दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती इलाकों में तैनात रडार द्वारा ड्रोन का पता नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने संकेत दिया कि एक अलग रडार प्रणाली लगायी जा सकती है जो एक पक्षी के रूप में छोटे ड्रोन का भी पता लगा सकती है। 

मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना के कनिष्ठ वारंट अधिकारी के आवेदन पर सतवारी थाने में विस्फोटक सामग्री अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ एनआईए द्वारा इस मामले को अपने हाथ में लिये जाने की संभावना है। जांच से जुड़ने के बाद वह (एनआईए) विस्फोट स्थल पर जांच की पहले से निगरानी कर रही है।’’ अधिकारियों ने बताया कि यूएपीए की धाराओं 13/16/18/23 (अवैध गतिविधि/ आतंकवादी हरकत/ साजिश/ दंड में वृद्धि) तथा भादसं की धारा 120 (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

देखिए- विस्फोट की CCTV वीडिया

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