नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिये समग्र रूप से प्रयास कर रही है और उसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के साथ साथ उनके जीवन को आसान बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को फसलों पर आने वाली उत्पादन लागत के डेढ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिलाने के लिये काम कर रही है ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके। किसानों को बढ़े हुये एमएसपी का लाभ दिलाना सुनिश्चित करने के लिये केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग एमएसपी को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं और माहौल को निराशाजनक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आज यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के मेला ग्रांउड में आयोजित कृषि उन्नति मेला में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फसलों की लागत में श्रम लागत, मशीनों का किराया, बीज और खाद का मूल्य, राज्य सरकारों को दिये जाने वाले शुल्क, कार्यशील पूंजी पर लगने वाला ब्याज और पट्टे पर ली गई जमीन का किराया आदि शामिल होगा।
प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद कृषि क्षेत्र में हासिल सफलता के लिये किसानों की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज खाद्यान्न, दलहन, फल एवं सब्जियों और दूध का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं जिनसे किसानों की आय कम हो रही है और उनका नुकसान और खर्च बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा कि सरकार इन चुनौतियों से पार पाने के लिये समग्र प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की आय को दोगुना किया जाये और उनके जीवन को आसान बनाया जाये। इस दिशा में सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। ‘‘अब तक 11 करोड़ मृदा-स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग से उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही उर्वरक पर खर्च कम करने में सफलता मिली है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों का शिलान्यास किया और जैविक उत्पादों के लिये ई- मार्केटिंग पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने कृषि कर्मण पुरस्कार और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार भी भेंट किये। उन्होंने इस अवसर पर मेघालय का विशेष तौर पर उल्लेख किया। मेघालय को कृषि क्षेत्र में हासिल सफलता के लिये पुरस्कार मिला है।