लालची व्यक्ति का शत्रु है धन मांगने वाला
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि लालची व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु भिखारी होता है क्योकि लालची व्यक्ति सबसे ज्यादा प्रेम अपने धन से करता है जिसके लिए वो अपनी जान भी दे सकता है। और यदि ऐसें लोगों के घर कोई धन मांगने वाला आ जाए तो वो उसे किसी शत्रु के समान ही देखते हैं। उनकी नजरें में दान-पुण्य के कर्म व्यर्थ लगते हैं।