Friday, April 26, 2024
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दिल्ली हिंसा पर हाई कोर्ट ने कहा- नहीं बनने चाहिए 1984 दंगों जैसे हालात

दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा के मामले पर सुनवाई कर आदेश दिया है कि सरकार के अधिकारी पीड़ितों से मिलकर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दें।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 26, 2020 16:46 IST
हिंसा वाली जगह पर तैनात सुरक्षाबल- India TV Hindi
Image Source : PTI हिंसा वाली जगह पर तैनात सुरक्षाबल

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि फिर से 1984 दंगों जैसे हालात नहीं बनने चाहिए। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर ने कहा कि 'एक और 1984 (बड़े स्तर पर दंगें हुए थे) नहीं बनना चाहिए। हमें बहुत अलर्ट रहना होगा।' न्यायाधीश एस मुरलीधर और तलवंत सिंह ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और डीसीपी (अपराध) को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है।

इसके बाद अदालत ने उस क्लिप को अदालत कक्ष में चलाया गया। कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे पुलिस आयुक्त से, भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर फैसला लें। कोर्ट ने कहा कि 'इस हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पार्थिव शरीर को घर पहुंचाने और उसे दफनाने या अंतिम संस्कार आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पर है। पुलिस उनके परिवारों से बात करे।'

कोर्ट ने कहा कि 'प्रशासन चाहे तो बहुत कुछ हो सकता है। यह बहुत दुख की बात है कि दिल्ली पुलिस के अफसर एक्शन लेने के लिए आदेश का इंतजार करते रहे।' कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार के अधिकारी पीड़ितों से मिलकर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दें। कोर्ट ने कहा कि 'अब जरूरत यह है कि लोगों में विश्वास कायम किया जाए तो राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी खुद जाकर पीड़ित लोगों से मिलें और उन्हें उनकी सुरक्षा को लेकर भरोसा दें।'

कोर्ट ने कहा कि 'हर प्रकार की मीडिया के जरिए हेल्पलाइन नम्बरों को लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके।' कोर्ट ने कहा कि 'हमें जानकारी मिली है कि एक IB ऑफिसर पर भी हमला हुआ है। ऐसी चीजों पर तुरंत कारवाई होनी चाहिए। अब वक्त यह दिखाने का है कि Z सिक्योरिटी सबके लिए है।' कोर्ट ने कहा कि 'एम्बुलेंस और फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ियों का सही इंतज़ाम रहे।'

कोर्ट ने कहा कि 'अगर दिल्ली में शेल्टर होम की कमी है तो दिल्ली सरकार जल्द से जल्द ऐसे शेल्टर होम बनाए, जिनमें शौचालय, कंबल, पीने का पानी आदि की व्यवस्था हो।' कोर्ट ने 'अगले दो हफ़्तों के लिए दिल्ली में एक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे, जो रात में काम करेंगे। हम डिस्ट्रिक्ट और सेशन जजों से बात करेंगे। यह मजिस्ट्रेट पूरी दिल्ली के लिए होंगे। हम स्थिति को लगातार मॉनिटर करते रहेंगे।'

कोर्ट ने ज़ुबैदा बेगम को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि ज़ुबैदा बेगम कार्यवाहन में मदद के लिए 4-5 स्टाफ़ के लोगों की अपने साथ जोड़ सकती हैं। एमिकस क्यूरी अदालत में प्रैक्टिस करने वाले वकील ही होते हैं। कभी-कभी कोर्ट अपनी सहायता के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त करती है। ऐसे एमिकस क्यूरी अदालत को संबंधित मामले में कानूनी पहलुओं की और केस से जुड़ी जानकारी देते हैं।

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