Thursday, April 25, 2024
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मद्रास HC की टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा चुनाव आयोग, सोमवार को सुनवाई

निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया जिसमें कहा गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के लिए आयोग जिम्मेदार है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 01, 2021 23:53 IST
निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया

नयी दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया जिसमें कहा गया है कि देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के लिए आयोग जिम्मेदार है। निर्वाचन आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ की गई आलोचनात्मक टिप्पणी के विरूद्ध जो याचिका दायर की है उस पर सोमवार को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ सुनवाई करेगी।

आयोग के वकील अमित शर्मा ने कहा, ‘‘हमने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की है।’’ उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपील में निर्वाचन आयोग ने कहा कि उच्च न्यायालय की टिप्पणी ''अनावश्यक, असंतोषजनक एवं अपमानजनक थी।'' मद्रास उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए 'अकेले' जिम्मेदार करार दिया था और कहा था कि वह ''सबसे गैर जिम्मेदार संस्था'' है।

अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है। इसने कहा कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर महामारी को फैलने के मौका दिया।

मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी तथा न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में करूर से अन्नाद्रमुक उम्मीदवार एवं राज्य के परिवहन मंत्री एम आर विजयभास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की थी। इस याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया था कि दो मई को करूर में कोविड-19 रोधी नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित की जाए।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि करूर निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव में 77 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है, ऐसे में उनके एजेंट को मतगणना कक्ष में जगह देना काफी मुश्किल होगा। इससे नियमों के पालन पर असर पड़ सकता है। निर्वाचन आयोग के वकील ने जब न्यायाधीशों को बताया कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं तो पीठ ने कहा था कि उसने (आयोग) राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप का रास्ता साफ कर दिया था।

पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील की इस टिप्पणी पर अप्रसन्न्ता जताई कि मतदान केन्द्रों पर सभी तरह के एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में महामारी की दूसरी लहर फैलने के लिए निर्वाचन आयोग को 'अकेले' जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। पीठ ने यहां तक कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। न्यायाधीशों ने मौखिक रूप से चेतावनी दी थी कि वे दो मई को होने वाली मतगणना रोकने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।

 

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