Saturday, April 27, 2024
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उम्मीद है कि अफगानिस्तान की स्थिति पड़ोसियों के लिए चुनौती नहीं बनेगी, भारत ने UNHRC में कहा

अफगानिस्तान की स्थिति पर यूएनएचआरसी के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडेय ने कहा कि देश (अफगानिस्तान) में एक "गंभीर" मानवीय संकट उभर कर सामने आ रहा है और हर कोई अफगान लोगों के मौलिक अधिकारों के बढ़ते उल्लंघन को लेकर चिंतित है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 24, 2021 20:29 IST
भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडेय- India TV Hindi
Image Source : TWITTER भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडेय

नयी दिल्ली। भारत ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति उसके लिए 'गंभीर चिंता' का विषय है और उसे उम्मीद है कि यह पड़ोसियों के लिए चुनौती नहीं बनेगी तथा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूह द्वारा देश का उपयोग नहीं किया जाएगा। भारत ने अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कहा- अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते वहां के वर्तमान हालात हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है। सुरक्षा हालात खतरनाक बने रहने से भयानक मानवीय संकट पैदा हो रहा है। हम समावेशी और ऐसे व्यापक तंत्र की उम्मीद करते हैं जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। 

अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडेय ने कहा कि देश (अफगानिस्तान) में एक "गंभीर" मानवीय संकट उभर कर सामने आ रहा है और हर कोई अफगान लोगों के मौलिक अधिकारों के बढ़ते उल्लंघन को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि वहां की स्थिति जल्द ही स्थिर होगी और संबंधित पक्ष मानवीय और सुरक्षा मुद्दों का समाधान निकालेंगे।

इंद्र मणि ने कहा, "हमें यह भी उम्मीद है कि एक समावेशी और व्यापक आधार वाली व्यवस्था होगी जो अफगान समाज के सभी तबकों का प्रतिनिधित्व करती है। अफगान महिलाओं की आवाज, अफगान बच्चों की आकांक्षाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि व्यापक आधार वाले प्रतिनिधित्व से व्यवस्था को अधिक स्वीकार्यता और वैधता हासिल करने में सहायता मिलेगी।

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पांडेय ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा जुड़ी है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान की स्थिति उसके पड़ोसियों के लिए एक चुनौती नहीं होगी और उसके क्षेत्र का उपयोग लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकी देने के लिए नहीं किया जाएगा।’’ 

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