Wednesday, May 01, 2024
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INDIA TV EXCLUSIVE: ले. जनरल (रि.) डीएस हूडा ने बताई सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी

भारतीय सेना ने पिछले साल यह सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें टेररिस्ट लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया था। उस समय नॉर्दन कमान के चीफ थे जनरल डीएस हुडा।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 28, 2017 17:10 IST
DS Huda- India TV Hindi
DS Huda

नई दिल्ली: भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी सेना के रिटायर्ड ले. जनरल डीएस हुडा ने  इंडिया टीवी पर बयान की है। भारतीय सेना ने पिछले साल यह सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें टेररिस्ट लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया था। उस समय ले.जनरल डीएस हुडा नॉर्दन कमान के चीफ थे। इंडिया टीवी संवाददाता सौरव शर्मा को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ले. जनरल (रिटा.) डीएस हूडा ने बताया कि 18 सितंबर को उरी में 18 जवान शहीद हो गए थे। हमें काफी धक्का लगा था। हमें काफी नुकसान हुआ था। पूरी आर्मी और सरकार की तरफ से यह फैसला ले लिया गया कि इसका जवाब देना जरूरी हो गया है। 

आर्मी और पॉलिटिकल लीडरशिप दोनों ने की पहल

ले. जनरल (रिटा.) डीएस हूडा ने बताया कि यह पहल आर्मी और पॉलिटिकल लीडरशिप दोनों से तरफ से किया गया कि कुछ बड़ा किया जाए जिससे पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया जा सके। हम म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद से ही इस तैयारी में जुट गए थे कि अगर पीओके में भी यह कार्रवाई करनी पड़ी तो हम कैसे उसे अंजाम देंगे। हमारी तरफ से इस तरह की कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी थी। बस टारगेट फिक्स करना था।

बहुत कम लोगों को जानकारी थी

सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग और उसकी जानकारी कितने लोगों को थी इसके बारे में पूछे जाने पर  उन्होंने बताया कि मेरे हेडक्वॉर्टर उधमपुर में पूरी प्लानिंग हुई। दिल्ली में डायरेक्टोरेट ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन को इसकी जानकारी थी। बहुत कम लोगों को यह जानकारी दी गई। ऑपरेशन से पहले जम्मू-कश्मीर स्थित आर्मी के 15 और 16 कोर को खबर दी गई।

हमने मल्टीपल टारगेट को धव्स्त किया

उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का डायरेक्शन सरकार की तरफ से आया और प्लानिंग जिस टीम को भेजा जाना था उसकी तरफ से की गई थी। पूरी प्लानिंग मैंने आर्मी हेडक्वॉर्टर में ब्रीफ की थी। हमारे टारगेट टेररिस्ट लॉन्च पैड थे। हमारी टीम ने पीर पंजाल और कश्मीर रीजन में मल्टीपल टारगेट को ध्वस्त किया। 

सभी जवान सुरक्षित वापस लौटे

उन्होंने बताया कि वापस आने के लिए अलग रूट का इस्तेमाल किया गया।एक टीम में 30 से 35 लोग थे। एक टीम को एक टारगेट दिया गया था। रिटायर्ड जनरल हुडा ने स्पेशल फोर्स की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी ट्रेनिंग बड़ी उम्दा होती है और गजब की मारक क्षमता उनके अंदर है। बगैर खरोंच लगे हमारे सभी जवान सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वापस लौट आए। यह बड़ी बात है।

सूरज निकलने के बाद टीम वापस लौटी

ले. जनरल हुडा ने बताया कि पहली स्ट्राइक और अंतिम स्ट्राइक के बीच चार घंटे का वक्त था। हमें सबसे ज्यादा फिक्र अंतिम स्ट्राइक करनेवाली टीम को लेकर थी। यह टीम अंतिम स्ट्राइक के लिए काफी अंदर तक गई थी। सुबह सूरज निकलने के बाद यह टीम वापस लौटी। उस दौरान एलओसी पर हमारी तरफ से कवर फायरिंग भी हुई थी। रूट काफी अच्छे तरीके से सेलेक्ट किया गया था। जबतक वहां पहुंचकर हमने हमला नहीं किया तबतक पाकिस्तान की सेना को इस बात की भनक नहीं थी। लॉन्च पैड के नजदीक पाक आर्मी के कैंप थे जहां से फायरिंग हुई थी। हमने अपने कैजुअल्टी को लेकर भी प्लानिंग की थी या फिर अगर कोई टीम वहां फंस जाती है तो उसे किस तरह से बाहर निकालना है। यह पूरी प्लानिंग हमने पहले से कर रखी थी।

हमारे लिए जरूरी था कि हरेक सैनिक वापस आए

ले. जनरल हुडा ने बताया कि आतंकियों का लॉन्च पैड पक्का स्ट्रक्चर होता है जहा रहकर आतंकी रेकी करते हैं। वहां उनकी फाइनल प्लानिंग होती है और उसके बाद वे तय करते हैं कि कैसे घुसपैठ करनी है। जनरल हुडा ने बताया कि यह हमारे लिए जरूरी था कि हमारा हरेक सोल्जर वापस आए। एक आदमी भी छूटना नहीं चाहिए। हमें आतंकियों को भी मारना था।

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक सेना में काफी घबराहट थी

पाकिस्तान में पैनिक क्रिएट हो गया था। उनकी सेना में काफी घबराहट थी। वहां सैनिकों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई थीं। वे इस तरह की घबराहट में थे कि उन्हें लग रहा था कि कहीं फिर अन्य जगहों पर न सर्जिकल स्ट्राइक हो जाए।

इंडिया-पाक बॉर्डर जैसी हैवी डिप्लायमेंट दुनिया में कहीं नहीं

​सभी जवानों के सुरक्षित लौट आने पर बेहद खुशी हुई। उधमपुर में हम अपने घर पर ऑफिसर्स के साथ बैठे, छोटी-छोटी कहानियां हमने खूब सुनी। सभी ने अपने-अपने अनुभव बताए। किसने वहां क्या देखा और क्या किया यह छोटी-छोटी कहानियां काफी रोमांचित करनेवाली थीं और यह हमारे लिए बेहद गर्व का क्षण था। इंडिया-पाक बॉर्डर जैसी हैवी डिप्लायमेंट दुनिया में कहीं नहीं है। इसे क्रॉस करके मल्टीपल टारगेट को हिट करना और बिना खरोंच के वापस लौट आना बहुत बड़ी बात। यह क्लासिकल ऑपरेशन था। 

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