Tuesday, April 30, 2024
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Rajat Sharma Blog: कांग्रेस के कुछ नेताओं को चुनाव के दौरान मुसीबत खड़ी करने की आदत है

कांग्रेस पार्टी को शुक्रवार को उस समय काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा की टिप्पणी 'हुआ तो हुआ' को लेकर कड़ी आलोचना की।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: May 11, 2019 18:19 IST
Rajat Sharma Blog: Some Congress leaders have this knack of scoring self-goals during elections- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Some Congress leaders have this knack of scoring self-goals during elections

कांग्रेस पार्टी को शुक्रवार को उस समय काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा की टिप्पणी 'हुआ तो हुआ' को लेकर कड़ी आलोचना की। दिल्ली और पंजाब में सिख संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और कांग्रेस पार्टी के झंडे जलाए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए सैम पित्रोदा के बयान 'हुआ तो हुआ' को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि पित्रोदा के बयान ने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद सिखों के प्रति कांग्रेस के माइंडसेट को उजागर कर दिया है।  

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार शाम सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे लगता है कि जो भी सैम पित्रोदा ने कहा वो पूरी तरह से ऑउट ऑफ लाइन है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। मुझे लगता है कि 1984 एक अनावश्यक त्रासदी थी जिसने बहुत दर्द दिया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह इसके लिए माफी मांग चुके हैं। मेरी माता सोनिया जी ने भी इसके लिए माफी मांगी है। जो भी सैम पित्रोदा ने कहा वो पूरी तरह से ऑउट ऑफ लाइन है। मैं खुद उनसे इस बारे में बात करूंगा। उन्हें अपने इस बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए।” 

साफ तौर पर पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें फटकार लगाई लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब सैम पित्रोदा ने आउट ऑफ लाइन जाकर कोई बयान दिया है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि न्याय (NYAY) योजना के तहत कांग्रेस गरीबों के खाते में जो 72 हजार रूपए डालेगी, उस पैसे का इंतजाम मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ डाल कर किया जाएगा। उन्होंने मध्यम वर्ग को स्वार्थी भी बताया था। उसके बाद राहुल गांधी को अपनी हर रैली में मतदाताओं को यह सफाई देनी पड़ी कि मध्यम वर्ग पर कोई बोझ नहीं डाला जाएगा। 

सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के नतीजों पर भी सवाल उठाया था और उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को क्लीन चिट भी दी थी। इस तरह से सेल्फ गोल (खुद का नुकसान) करके पित्रोदा ने बीजेपी के रुख को एकबार फिर आक्रामक कर दिया है। उन्होंने दिल्ली और पंजाब में वोटिंग से पहले सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बयान दिया है। वैसे ये कुछ अजीब बात है कि हर चुनाव में कांग्रेस को कोई न कोई सेल्फ गोल करने वाला नेता मिल जाता है।

सैम पित्रोदा की 'हुआ तो हुआ' टिप्पणी ने केवल 1984 दंगों के पीड़ितों के प्रति असंवेदनशील है बल्कि इसने देश भर में सिख समुदाय को गुस्से में ला दिया। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब सवाल कर रहे हैं कि 'ये क्या हुआ'।

पित्रोदा स्व. राजीव गांधी के जमाने से कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं और इन दिनों उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का सलाहकार और 'राजनीतिक गुरु' माना जाता है। वे दावा करते रहे हैं कि राहुल गांधी का एक नेता के तौर पर राजनीतिक विकास के पीछे उनका दिमाग रहा है और राहुल गांधी का बदला हुआ अंदाज उन्हीं की देन है। 

कांग्रेस के लिए सैम पित्रोदा के बयान से पीछा छुड़ाना इतना आसान नहीं होगा। जरा याद कीजिये मणिशंकर अय्यर को, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को 'चायवाला' कहा था? बाद में उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी को 'नीच' कहा था।

ऐसा लगता है कि हर बार चुनाव के दौरान कांग्रेस को कोई न कोई ऐसा नेता मिल जाता है जो अपने बयानों से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर देता है। इसलिए अब जबकि चुनाव अपने आखिरी दौर में प्रवेश कर रहा है, पार्टी नेतृत्व को सावधान रहना चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 10 मई 2019 का पूरा एपिसोड

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