नागपुर: देश के कई हिस्सों में राजनीतिक पुरोधाओं और समाज सुधारकों की प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने की खबरों के बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। RSS ने शुक्रवार को आंतरिक संघर्ष और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की घटनाओं को ‘बेहद निंदनीय’ करार दिया है। संघ ने कहा कि संवैधानिक एवं विधिक प्रणाली के दायरे में नजरिया पेश किया जाना चाहिए। ये बातें संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने 3 साल में एक बार होने वाले अपने सम्मेलन में जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट में कहीं।
RSS ने 3 साल में एक बार होने वाले अपने सम्मेलन में सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की ओर से पेश की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘समाज में आंतरिक संघर्ष सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान काफी निंदनीय है। हमारी चिंता यह होनी चाहिए कि न्यायिक एवं सुरक्षा प्रणाली के प्रति सम्मान एवं विश्वास नहीं टूटे।’ बहरहाल, रिपोर्ट में प्रतिमाएं तोड़े जाने की घटनाओं का जिक्र नहीं किया गया। सामाजिक संवेदनाएं आहत करने वाली घटनाओं की बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया, ‘सभी संबंधित पक्षों या समूहों के लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि उनके कृत्यों से सामाजिक गौरव और लोकप्रिय संवेदनाएं आहत नहीं हो।’
रिपोर्ट में लोगों से कहा गया कि वे ऐसे हालात में ‘बांटने वाली ताकतों’ से सावधान रहें। इसमें कहा गया कि ऐसे समय में धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका निर्णायक हो जाती है। संघ ने कहा, ‘संवैधानिक एवं विधिक व्यवस्था के दायरे में हमें अपना नजरिया पेश करने का पूरा हक है। इन बंदिशों का पालन करना भी जरूरी है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमारा परिवार विशाल है इसलिए परस्पर संवाद एवं विश्वास बनाकर रखना चाहिए।’