यूनिवर्सिटी परिसर में तनाव के मद्देनजर कुलपति आवास के पास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। निलंबित किए गए पांच छात्रों में से एक डी प्रशांत ने कहा कि कुलपति को अपने पद पर वापस लौटने और कार्यकारी समिति की बैठक संचालित करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ वेमुला की खुदकुशी का मामला अब भी लंबित है।
उन्होंने कहा, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के इशारे पर कुलपति हैदराबाद यूनिवर्सिटी आए हैं। केंद्र सरकार के इशारे पर उन्होंने कुलपति पद संभाला जबकि पूरी यूनिवर्सिटी उनके खिलाफ है। प्रशांत ने कहा, हम पुलिस से अपील कर रहे हैं कि पहले उन्हें गिरफ्तार करे क्योंकि उच्च न्यायालय ने उन्हें उनकी याचिका पर कोई राहत नहीं दी है।
उन्होंने दावा किया कि एबीवीपी के कुछ सदस्यों ने प्रदर्शनकारी छात्रों की छवि खराब करने के लिए कुलपति आवास पर तोड़फोड़ की। कुलपति अप्पा राव ने पत्रकारों से कहा, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के लिए यह काला दिन है। उन्होंने कहा कि हमारा आंतरिक तंत्र छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगा। दुर्भाग्यवश, छात्रों के एक समूह ने हर चीज तोड़ दी। उन्होंने कोई ज्ञापम नहीं दिया। उन्होंने बातचीत के लिए भी नहीं कहा। वे घुस आए और दरवाजे तोड़ दिए।