Friday, April 26, 2024
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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अरुण जेटली के जीवन पर लिखी किताब का किया विमोचन

वे भ्रष्टाचार के घोर विरोधी थे और उनकी सबसे बड़ी क्षमता थी संवाद करने की। उपयुक्त समय पर वे प्रभावी संवाद करते थे

Devendra Parashar Reported by: Devendra Parashar @DParashar17
Updated on: December 29, 2019 7:34 IST
Vice President Venkaiah Naidu released book written on Arun Jaitley- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Vice President Venkaiah Naidu released book written on Arun Jaitley

 नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू ने पूर्व वित्त मंत्री और दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली के जीवन पर लिखी किताब का आज विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन से उनसे संपर्क था।उनकी सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, लोकतांत्रिक मूल्य गजब का था। वे भ्रष्टाचार के घोर विरोधी थे और उनकी सबसे बड़ी क्षमता थी संवाद करने की। उपयुक्त समय पर वे प्रभावी संवाद करते थे।नायडू ने कहा- 'इस अवसर पर मैं बहुत भावुक हूं...आज भी इस तथ्य को नहीं स्वीकार पाता कि वो हमारे बीच नहीं हैं। प्रत्येक दिन हमलोग एक दूसरे से सलाह मशविरा करते थे ।पार्टी और देश के लिए जो अच्छा होता,उस पर आगे बढ़ते थे। अरूण जी और सुषमा मेरे परिवार की तरह थे।' अरुण जेटली पर इस किताब को दीपा और हर्ष ने लिखा है और इस किताब का नाम हैः 'The Renaissance Man - The many facets of Arun Jaitley'

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अगर आप कुछ जला रहे हैं तो ये अपराध है: नायडू

उन्होंने कहा- 'जीएसटी लागू करने में बड़ी भूमिका थी। बैंकों का एनपीए खत्म करने के लिए उन्होंने प्रयास किए। वे एक बेहतरीन सांसद थे । विपक्ष में सरकार से सवाल करते और सरकार में आने के बाद तथ्यों के साथ पक्ष रखते। रेस्तरां में जाने के हमदोनों शौकीन थे। सभी दलों के नेताओं से बहुत बेहतर व्यक्तिगत संबंध रखते थे ।प्रभावी वक्ता और आदर्श राजनीतिज्ञ थे। वो हमलोगों के पारिवारिक सदस्य की तरह थे ।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जब आडवाणी जी ने राय मांगी तो हमदोनों लोगों ने एक दूसरे का नाम सुझाया था।ब्रिलियंट सार्वजनिक व्यक्तित्व थे ।सार्वजनिक जीवन में जाने के इच्छुक नई पीढ़ी के लोगों के लिए ये पुस्तक बहुत उपयोगी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के दौर में डिबेट की बहुत आवश्यकता है। अरुण जेटली को सार्वजनिक जीवन में हमलोग बहुत मिस करते हैं। अरूण जेटली ऐसे व्यक्ति थे जिनमें कैरेक्टर, कैपेसिटी और कैलिबर था। लोकतंत्र में डिस्कस और डिबेट होना चाहिए और जजमेंट जनता पर छोड़ देना चाहिए ।अगर आप कुछ जला रहे हैं तो ये अपराध है ।

जेटली जी अवरोध खत्म करते थे: ओम बिरला
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा-' छोटे कार्यकर्ता के तौर पर मेरा संपर्क था अरुण जेटली जी से था। विद्यार्थी जीवन की राजनीति में विश्वविद्यालयों में जाकर जेटली जी ने कई स्पीच दिए, कोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर कई विषयों पर देश को दिशा दिया। वे खेल प्रेमी भी थे और अर्थशास्त्री भी। जेटली जी सांसद, नेता प्रतिपक्ष और सरकार के मंत्री के तौर पर प्रखर वक्ता के तौर पर तार्किक ढंग से अपनी बात रखते थे। संसदीय मर्यादा का ध्यान रखते जवाब देते थे । एक ऐसा राजनेता जिसने सत्ता का मोह त्यागा और अंतिम समय तक समाज ,देश के बारे में लिखते और मार्गदर्शन देते रहे। उनके अंदर सत्ता का मोह नहीं था और मैंने अरूण जी जैसा नेता नहीं देखा। सभी दलों के स्वीकार्य नेता के तौर पर भूमिका रही। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा-' जेटली जी अवरोध खत्म करते थे। उन्होंने भारत का नाम पूरे विश्व में रौशन किया। उन्होंने नेतृत्वकार और शिल्पकार मंत्री के तौर पर कार्य किया। व्यक्ति रहें या नहीं विचार रहते हैं,उनके विचार हमें मार्गदर्शन देते रहेंगे।'

एक किताब में उनके जीवन को समेट पाना आसान काम नहीं: रजत शर्मा
इस अवसर पर इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा-' एक किताब में उनके जीवन को समेट पाना आसान काम नहीं था। दीपा जी और हर्ष जी ने इस किताब पर काफी मेहनत की है। हम जानते हैं कि अरुण जी के पास हर सवाल का जवाब होता था लेकिन अरुण जी के सवालों का जवाब किसी के पास नहीं होता था। अरुण जी हमेशा अपनी पार्टी और सरकार के लिए ढाल बनकर खड़े रहते थे। अरुण जी के व्यक्तित्व को एक किताब में समाहित करना मुझे लगता है असंभव काम है। हमलोगों के लिए दोस्ती का हवा का झोंका थे जो आए और चले गए। वो इंसानियत का ऐसा सूर्य थे जो समय से पहले अस्त हो गया।

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