Monday, May 06, 2024
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चंद्रयान-3 मिशन: प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर शान से कर रहा मून वॉक, 8 मीटर तक तय की दूरी-देखें वीडियो

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से पूरी दुनिया भारत के वैज्ञानिकों का लोहा मान रही है। चंद्रयान -3 में लगे प्रज्ञान रोवर ने चांद पर मून वॉक शुरू कर दिया है। प्रज्ञान चांद की सतह पर 8 मीटर चल चुका है।

Kajal Kumari Written By: Kajal Kumari
Updated on: August 26, 2023 9:04 IST
chandrayaan-3 mission update- India TV Hindi
Image Source : ISRO चंद्रयान-3 मिशन का ताजा अपडेट

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 का रोवर चंद्रमा की सतह की धूल में अपना ट्रैक छोड़ना शुरू कर चुका है। शुक्रवार तक रोवर प्रज्ञान ने 1 सेमी प्रति सेकंड की चाल से चंद्रमा पर आठ मीटर तक की दूरी तय कर ली थी। शुक्रवार को प्रज्ञान रोवर के सभी सिस्टम चालू थे। लगभग 92 सेमी लंबाई और 75 सेमी चौड़ाई वाले प्रज्ञान में दो स्पेक्ट्रोमीटर लगे हैं जो चंद्रमा की चट्टानों और धूल की संरचना का विश्लेषण करेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के दो दिन बाद शुक्रवार को कहा कि प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमा और उसने 8 मीटर की दूरी तय कर ली है।

पहली बार चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मून वॉक

वैसे तो ये दूरी बहुत छोटी है लेकिन दुनिया के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि अब तक कोई भी देश अपने अंतरिक्ष यान के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब नहीं पहुंच सका है और चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव पर मून वॉक किया है। रोवर प्रज्ञान ने अपने सौर पैनलों को खोल लिया है और सूर्य से ऊर्जा प्राप्त कर खुद को चार्ज कर लिया है। 

इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रोवर पेलोड LIBS और APXS चालू हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड अपना-अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। एक अन्य ट्वीट में, अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “दो खंडों वाले रैंप ने रोवर के रोल-डाउन की सुविधा प्रदान की। एक सौर पैनल ने रोवर को बिजली उत्पन्न करने में सक्षम बनाया...रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है।"

इसरो ने विक्रम लैंडर से रोवर के बाहर निकलने का पहला वीडियो भी जारी किया।

देखें वीडियो

जल्द ही चांद के रहस्य का होगा खुलासा

लैंडर से बाहर और रैंप पर घूमते रोवर की पहली तस्वीरों ने भारत के मूनशॉट उत्साह को बढ़ा दिया है। रोवर की डिज़ाइन की गई गति इसे 15 मिनट में 8 मीटर की दूरी तय करने की अनुमति देती है। इसरो ने तुरंत प्रज्ञान की गति प्रोफ़ाइल के बारे में विस्तार से नहीं बताया - जैसे, रुकने से पहले यह एक प्रयास में कितने मिनट तक चलता है, रुकने का समय क्या है, आदि।

इसरो लैंडिंग डेटा का पूरा विश्लेषण कर रहा है, जिसके कुछ और दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। यह देखते हुए कि लैंडर से किसी भी सिग्नल को पृथ्वी स्टेशनों तक पहुंचने में कम से कम तीन सेकंड का समय लगेगा, इसरो द्वारा एएलएस (स्वायत्त लैंडिंग अनुक्रम) कमांड सक्षम करने की पूरी कवायद की जा रही है।

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