International Janmangal Conference 2025: देश की राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय "अंतरराष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन" में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि उपवास संयम और अनुशासन का नाम है, उपवास हमारे संकल्प की परीक्षा का नाम है। इस अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव महाराज और जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य "लोक कल्याण की सही दृष्टि: उपवास, ध्यान, योग और स्वदेशी विचार" है।
खाने के लिए जीना या जीने के लिए खाना!
रजत शर्मा ने अपने संबोधन कहा, 'मेरे जीवन में ज्यादातर ऐसे लोग आते हैं जो खाने के लिए जीते हैं। स्वामी रामदेव ऐसे मिले जो सिर्फ जीने के लिए खाते हैं। गुरुदेव (जैन संत अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज ) की तपस्या के बारे में पढ़ा तस्वीरें देखीं, आज की दुनिया में उनकी तपस्या उनका व्यक्तित्व किसी चमत्कार से कम नहीं है।
हमारे संकल्प की परीक्षा लेता है उपवास
रजत शर्मा ने अपने संबोधन में उपवास की महत्ता बताई और कहा, 'उपवास संयम का नाम है, उपवास अनुशासन का नाम है, उपवास हमारे संकल्प की परीक्षा का नाम है। क्योंकि मन में तो भोजन की इच्छा होती है। मन में तरह-तरह के भोजन के विचार हिलोरे खाते हैं। मन के समुद्र में रोज इस तरह के तूफान आते हैं। लेकिन जब ऐसे तूफान आएं तो संकल्प की नौका इतनी मजबूत होनी चाहिए कि उसपर नियंत्रण कर सके। यहां दो महापुरुष बैठे हैं सागर जी महाराज और स्वामी रामदेव जी महाराज। इनसे बड़ा उदाहरण कोई दूसरा नहीं हो सकता जो संयम और संकल्प का उदाहरण हैं।
उपवास से क्रोध और विचार का संयम
रजत शर्मा ने आगे कहा, 'संयम सिर्फ भोजन न करने का नहीं है। जब हम उपवास करते हैं तो वो हमारे क्रोध का भी संयम होता है, हमारे विचार का भी संयम होता है। वो संकल्प होता है जीवन को और बेहतर बनाने का। आज जो संकल्प आचार्य जी ने दिया है कि 'हर मास एक उपवास', यह एक बड़ा अभियान है। रजत शर्मा ने देश के जाने-माने गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट और लिवर स्पेशलिस्ट डॉ. एसके सरीन के उद्बोधन का उल्लेख किया और कहा कि हमारे देश में मोटापे की कितनी बड़ी समस्या है। कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने भी मोटापे को लेकर कहा था कि वजन कम करने की जरूरत है।
खाने से जुड़ा दिलचस्प प्रसंग सुनाया
रजत शर्मा ने कहा, 'सारे के सारे रास्ते ढूंठने के लिए दुनिया में कहीं जाने की जरूरत नहीं। हमारे सामने इसका उदाहरण है। 557 दिन का उपवास रखकर भी कोई कैसे स्वस्थ रह सकता है, इसका उदाहरण हमारे सामने है। स्वामी रामदेव कहते हैं कि हमेशा एक टाइम खाता हूं।' रजत शर्मा ने खाने से जुड़ा एक दिलचस्प प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने कहा लोग खाने की बात ज्यादा करते हैं खाना न खाने की बात बहुत कम करते हैं। मैं जहां रहता हूं वहां पड़ोस में सरदार रहते थे। उनकी क्वालिटी ये थी कि दिल्ली में कोई भी रेस्टोरेंट खुलेगा तो वे उसके पहले ग्राहक होंगे। उनको समझाया कि इतना नहीं खाना चाहिए नियंत्रण रखना चाहिए.. डाइटिशियन ने उन्हें समझाया कि सुबह की शुरुआत आपको एक टोस्ट और एक चाय से करनी है। तो सरदारजी ने पूछा कि जी ब्रेकफास्ट चाय और टोस्ट लेनी है या ब्रेकफास्ट के बाद।