Thursday, March 28, 2024
Advertisement

Rajat Sharma’s Blog | राहुल अपने शब्दों के चयन में सावधानी बरतें

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी का यह अधिकार बनता है कि पेगासस स्पाईवेयर पर सवाल उठाएं लेकिन जब उन्होंने यह आरोप विदेशी धरती पर लगाया तो उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले को देखा और उसे कोई सबूत नहीं मिला।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Updated on: March 07, 2023 6:16 IST
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर आरोप लगाकर एक नए विवाद को जन्म दिया है। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय मे अपने भाषण में राहुल ने कहा कि  'भारतीय लोकतंत्र खतरे में है' और उनके सहित विपक्ष के कई अन्य नेताओं के फोन पर निगरानी रखी जा रही है।  

राहुल कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल के विजिटिंग फेलो के रूप में व्याख्यान दे रहे थे। राहुल गांधी ने कहा, "मेरे विचार से नरेंद्र मोदी भारत के पूरे ढांचे को कमज़ोर कर रहे हैं। मुझे उनकी दो- तीन अच्छी नीतियों से मतलब नहीं है। वह हमारे देश को टुकड़ों में बांट रह हैं,  मुझे लगता है  वह भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं, जिसे भारत आत्मसात नहीं कर सकता, क्योंकि भारत राज्यों का एक संघ है। यह आम सहमति से बना है और अगर आप एक विचार को संघ (देश) पर थोपने की कोशिश करेंगे तो प्रतिक्रिया तो होगी ।"

राहुल ने आरोप लगाया कि उनके समेत बड़ी संख्या में विपक्ष के नेताओं के फोन पर इजरायली पेगासस स्पाईवेयर से निगरानी हो रही थी। "मेरे अपने फोन में भी पेगासस लगा था। हमारे यहां बहुत से राजनेताओं के फोन में पेगासस लगा था। यह एक तरह का दबाव है, जिसमें हम काम कर रहे हैं।"

भाजपा ने राहुल गांधी के इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी । सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह मोदी विरोध के नाम पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का "शर्मनाक प्रयास" है। उन्होंने कहा 'पेगासस स्पाईवेयर लगा है या नहीं, यह जांचने के लिए उन्हें (राहुल गांधी को) अपना सैलफोन जमा न कराने के पीछे क्या मजबूरी थी? वह भ्रष्टाचार के एक मामले (नेशनल हेराल्ड) में पहले से ही जमानत पर हैं। उनके फोन में ऐसा क्या था जिसे वह छिपाना चाहते थे ? उन्होंने और अन्य नेताओं ने अपने फोन जांच के लिए क्यों नहीं सौंपे?"

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों का बिंदुवार खंडन किया। एक लंबे ट्विटर थ्रेड में हिमंत विश्व शर्मा ने लिखा, "पहले विदेशी एजेंट हमें निशाना बनाते हैं! फिर एक विदेशी भूमि पर हमारे अपने हमें निशाना बनाते हैं! कैंब्रिज में राहुल गांधी का भाषण कुछ और नहीं, सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की आड़ में विदेशी धरती पर हमारे देश को बदनाम करने का एक बेशर्म प्रयास था। 

वहां जाकर "राहुल कहते हैं कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है, क्योंकि उनके पास स्वतंत्र अभिव्यक्ति नहीं है। जबकि तथ्य यह है कि उन्होंने मोदी सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा के कारण देश में 4000 किलोमीटर लम्बी यात्रा बिना किसी अड़चन के पूरी की। क्या हमें उन्हें याद दिलाने की जरूरत है कि जब भाजपा नेताओं की यात्राएं निकलती थीं और कांग्रेस सत्ता में थी तो किस तरह उनमें अड़ंगे डाले जाते थे?

"राहुल कह रहे हैं कि पेगासस स्पाईवेयर उनके फोन में पाया गया था और एक "अधिकारी" ने उन्हें इसके बारे में सतर्क किया था। तथ्य यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा तो उन्होंने (राहुल ने) जांच के लिए अपना फोन जमा करने से इनकार कर दिया। व्यापक जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि पेगासस स्पाईवेयर लगाये जाने का कोई सबूत नहीं था।

"राहुल कहते हैं कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं और उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार किया जाता है। तथ्य यह है कि मई 2014 के बाद से भारत में सांप्रदायिक हिंसा सबसे कम रही है और अल्पसंख्यक परिवारों की समृद्धि अब तक की सबसे अधिक स्तर की है। कई अल्पसंख्यक नेताओं ने मोदी सरकार में अपना विश्वास दोहराया है। 

" राहुल कहते हैं कि भारत यूरोप की तर्ज़ पर बना राज्यों का संघ है। जबकि तथ्य यह है कि भारत और उसके महाजनपद एक सभ्यता इकाई के रूप में  हजारों साल पहले अस्तित्व में थे। तब तक यूरोप एक राजनीतिक इकाई बना भी नहीं था, तो फिर ये क्यों कह रहे हैं कि भारत यूरोप की तर्ज़ पर बना है?

"राहुल ने कहा कि चीन विश्व की एक महाशक्ति बनना चाहता है। उन्होंने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का ज़िक्र किया। तथ्य यह है कि बीआरआई के कारण आज कई देश कर्ज़ संकट का सामना कर रहे हैं। क्या उनके अंकल सैम पिट्रोदा ने उन्हें ये बात नहीं बताई?

 "राहुल कहते हैं कि मैन्यूफैक्चरिंग लोकतंत्र के लिए अनुकूल नहीं है। तथ्य यह है कि जब इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को खत्म कर दिया था तो मैन्यूफैक्चरिंग में वृद्धि नहीं हुई, लेकिन जब मोदी सरकार ने पीएलआइ योजना शुरू की तो मैन्यूफैक्चरिंग में वृद्धि हुई। क्या कांग्रेस का 2024 का एजेंडा भारत को कम्युनिस्ट तानाशाही युग में वापस ले जाना है?

 "राहुल आगे कहते हैं कि चीन बौद्धिक संपदा अधिकारों में विश्वास नहीं करता और यह एक गहन और शक्तिशाली अवधारणा है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या पी. चिदंबरम भी सोचते हैं कि कॉपीराइट कानूनों को खत्म करने और चोरी को बढ़ावा देने से मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा?"

"राहुल स्वीकार करते हैं कि वह चीन से आकर्षित हैं और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने उनके विचारों को प्रभावित क्या है। चीनियों के लिए इतनी प्रशंसा समझ में आती है। गांधी परिवार चीन से मिले दान के एवज में अपना कर्ज चुकाने की कोशिश कर रहा है!

"राहुल कहते हैं कि कश्मीर में उन्हें आतंकवादियों ने देखा, लेकिन उन्हें पता था कि वे उन्हें निशाना नहीं बनाएंगे। अगर यह सच था तो सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई? क्या राहुल को बचाने के लिए कांग्रेस की इन आतंकवादियों के साथ कुछ सांठगांठ थी?"

"राहुल ने पुलवामा हमले को एक कार बम के रूप में वर्णित किया, जिसमें 40 सैनिक मारे गए थे। ऐसा कहकर उन्होंने हमारे जवानों का अपमान करने की हिम्मत कैसे की? श्रीमान जी यह बम नहीं था, एक आतंकी हमला था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उन्होंने पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान का नाम लेने से इनकार कर दिया। क्या यह भी आतंकवादियों  के साथ कांग्रेस की सांठगांठ का एक हिस्सा है?"

अनुराग ठाकुर और हिमंत विश्व शर्मा के अलाव केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी निशाना साधा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'राहुल को जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी सुई एक ही जगह फंसी है।"

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी का यह अधिकार बनता है कि पेगासस स्पाईवेयर पर सवाल उठाएं लेकिन  जब उन्होंने यह आरोप विदेशी धरती पर लगाया तो उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले को देखा और उसे कोई सबूत नहीं मिला। 

भाजपा नेता अब कह रहे हैं कि ऐसे समय में जबकि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चानी सेना के आमने-सामने हैं, राहुल चीन की प्रशंसा कर रहे हैं। एक बीजेपी नेता ने कहा, दुनिया में चीन के तीन ही दोस्त बचे हैं: पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और राहुल गांधी। यह भले ही मजाक में कहा गया हो, लेकिन संदेश साफ है कि राहुल को कैंब्रिज में बोलते समय अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए था। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 03 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement