Sunday, April 28, 2024
Advertisement

Rajat Sharma's Blog | दो ऑस्कर अवार्ड : उल्लास से भरा दिन

'नाटू-नाटू' गाने और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के लिए ऑस्कर मिलना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। ऑस्कर पूरी दुनिया में फिल्म का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Updated on: March 15, 2023 6:13 IST
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

सोमवार का दिन भारतीयों के लिए खुशियों से भरा रहा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने दो ऑस्कर अवॉर्ड जीते। पहला सर्वश्रेष्ठ ऑरिजिनल गीत का पुरस्कार  'नाटू-नाटू' को मिला जबकि दूसरा अवार्ड शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को मिला। 'नाटू -नाटू' गाना मूल रूप से तेलुगू में है और इसे एस.एस. राजामौली की मूवी ‘आरआरआर’ के लिये फिल्माया गया है। इस गाने के संगीतकार हैं एम.एम. किरवानी । ऑस्कर पुरस्कार समारोह में इस गाने का परफॉर्मेंस भी हुआ। फिल्म स्टार दीपिका पादुकोण ने इसके परफॉर्मेंस का स्टेज से ऐलान किया। अपने बेहतरीन म्यूजिक और डांस से इस गाने ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कार्तिकी गोंज़ाल्विस द्वारा निर्देशित और गुनीत मोंगा द्वारा निर्मित शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने भी ऑस्कर अवार्ड जीता। इस फिल्म में एक ऐसे आदिवासी परिवार का चित्रण किया गया है जिसने तमिलनाडु के अभयारण्य में हाथियों के दो अनाथ बच्चों को गोद लिया था।

पहली बार भारतीय फिल्म निर्माताओं द्वारा जुड़वां ऑस्कर जीतने पर बधाइयों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिल्म से जुड़ी तमाम हस्तियों ने विजेताओं को बधाई दी। 'नाटू-नाटू' गाने के लिए और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के लिए ऑस्कर मिलना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। ऑस्कर पूरी दुनिया में फिल्म का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है। अब न तो इस बात के लिए रोना चाहिए कि अब तक हमारी फिल्मों को ये अवॉर्ड क्यों नहीं मिला और ना ही इस बात को लेकर माथा पीटना चाहिए कि अमेरिका में मिले अवॉर्ड को हम इतना महत्व क्यों दे रहे हैं? 'नाटू नाटू' का मतलब है 'नाचो नाचो...' और वाकई में फिल्म इंडस्ट्री के लिए खुशी से नाचने का दिन है। 'नाटू-नाटू' गाने में एक लय है, एक्शन है, जबरदस्त कोरियोग्राफी है। रामचरण और जूनियर एनटीआर के स्टेप्स पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गए हैं। ये कोई छोटी बात नहीं है कि सब भाषाओं में इसके वर्जन्स को मिला दिया जाए तो अब तक पूरी दुनिया में बीस करोड़ से ज्यादा लोग इस गाने को पसंद कर चुके हैं। हमें तो इस बात पर खुश होना चाहिए कि संगीत, नृत्य, सुर की और ताल की कोई बाउंड्री नहीं होती। यह एक बार फिर साबित हो गया।

संसद में हंगामा

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो दिनों से हंगामा हो रहा है। पहले दिन, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए कार्यवाही रोक दी, लेकिन बीजेपी ने लोकतंत्र के मुद्दे पर भारत को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी से बिना शर्त माफी की मांग की। मुझे लगता है कि यह बात राहुल गांधी भी जानते हैं कि भारत में लोकतंत्र पूरी मजबूती के साथ कायम है। देश की जनता भी जानती है कि यहां किसी के बोलने पर ना तो कोई पाबंदी है और ना कोई पाबंदी लगा सकता है। 1975 में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर बोलने की आजादी पर रोक लगाई थी, उसका नतीजा पूरी दुनिया ने देखा। 1977 के चुनाव में जनता ने इमरजेंसी लगाने वाली, तानाशाही कायम करने वाली सरकार को उखाड़ फेंका था। इसलिए अब कोई भी नेता कभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बोलने की आजादी छीनने की हिम्मत नहीं करेगा। लंदन में राहुल गांधी ने यह बात कहकर बड़ी राजनीतिक गलती कर दी कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने बीजेपी को एक अच्छा खासा मुद्दा दे दिया जिसके आधार पर बीजेपी आसानी से कांग्रेस को घेर सकती है। 

कांग्रेस के नेताओं ने दूसरे पार्टियों के नेताओं के साथ मिलकर अडानी के सवाल पर सरकार को बचाव की मुद्रा में ला दिया था, पर राहुल ने मौका दिया और बीजेपी ने बाजी पलट दी। अब कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। बाकी पार्टियों के नेता आधे मन से राहुल के लोकतंत्र वाले बयान का समर्थन कर रहे हैं। और कांग्रेस भी किसी तरह अडानी वाले मुद्दे को जिंदा रखने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस, नरेन्द्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रही है और यह विरोधी दल के तौर पर यह उसका दायित्व भी है। अडानी को लेकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी को घेरती रही है लेकिन अडानी पर इन बातों का कोई असर नहीं दिखाई दिया। उल्टा अडानी ग्रुप्स के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। अडानी ने रविवार ऐलान किया था कि उन्होंने 2.65 बिलियन डॉलर्स के लोन को चुका दिया है। इसका असर ये हुआ कि अडानी के निवेशकों के रुख में बदलाव आया और अडानी के स्टॉक्स में रौनक दिखाई दी।

उद्धव को झटका 

इन दिनों संकट से गुजर रहे शिवसेना (ठाकरे ग्रुप) के प्रमुख उद्धव ठाकरे को सोमवार को एक और झटका लगा। उद्धव के करीबी सहयोगी सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया। सुभाष देसाई की हैसियत इस वक्त उद्धव गुट में नंबर दो की है। उद्धव, सुभाष देसाई की सलाह को तवज्जो देते हैं इसलिए सुभाष देसाई के बेटे का एकनाथ शिन्दे के साथ जाना उद्धव के लिए बड़ा झटका है। अब आदित्य यह कहें कि भूषण देसाई से कोई लेना-देना नहीं हैं, भूषण देसाई पर पहले से भ्रष्टाचार के इल्जाम है तो ये बातें बेमानी हैं। अगर भूषण देसाई घोटाले का आरोपी है तो अब तक उसे पार्टी से क्यों नहीं निकाला था? इस मामले पर सुभाष देसाई का बयान भी आया है। सुभाष देसाई का कहना है कि उनका बेटा सक्रिय राजनीति में नहीं था इसलिए वो किस पार्टी में जाता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन इतना तय है कि उनकी निष्ठा, ठाकरे परिवार के साथ थी, है और रहेगी।

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 13 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement